प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के नाम संबोधन (PM Modi Address to nation) में एक बहुत बड़ी घोषणा करते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया. गुरुपर्व के मौके पर देश को संबोधित कर रहे पीएम ने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने (farm laws withdrawn) का फैसला सुनाया. यह घोषणा तब आई है, जब इन कानूनों के खिलाफ देश के किसानों का एक समूह पिछले एक साल से आंदोलन कर रहा है. पीएम मोदी द्वारा यह ऐलान करते ही दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पिछले एक साल से डटे किसान खुशी से झूम उठे. हर तरफ जश्न का माहौल है. किसान एक-दूसरे के गले मिलकर खुशी जाहिर कर रहे हैं. किसानों ने इसे लंबे संघर्ष की जीत बताया.
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पीएम ने आज अपने संबोधन में कहा कि 'हम तीन नए कानून लाए गए थे मकसद था छोटे किसानों को और ताकत मिले. वर्षों से इसकी मांग हो रही थी. पहले भी कई सरकारों ने इन पर मंथन किया था. इस बार भी संसद में चर्चा हुई मंथन हुआ और यह कानून लाए गए. देश के कोने कोने में कोटि-कोटि किसानों ने अनेक किसान संगठनों ने इसका स्वागत किया समर्थन किया. मैं आज उन सभी का उन सभी का बहुत आभारी हूं, धन्यवाद करना चाहता हूं.'
बता दें कि मोदी सरकार ने इन कानूनों को जून, 2020 में सबसे पहले अध्यादेश के तौर पर लागू किया था. इस अध्यादेश का पंजाब में तभी विरोध शुरू हो गया था. इसके बाद सितंबर के मॉनसून सत्र में इसपर बिल संसद के दोनों सदनों में पास कर दिया गया. किसानों का विरोध और तेज हो गया. हालांकि इसके बावजूद सरकार इसे राष्ट्रपति के पास ले गई और उनके हस्ताक्षर के साथ ही ये बिल कानून बन गए.