‘मैंने नहीं कहा’: आधार कार्ड से शराब बिक्री को जोड़ने वाली पोस्ट पर बोले रतन टाटा

उन्होंने एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा "यह मेरे द्वारा नहीं कहा गया था. धन्यवाद. साथ ही उन्होंने "फेक न्यूज" शब्दों के साथ एक GIF भी शेयर किया.

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‘मैंने नहीं कहा’ : आधार कार्ड से शराब बिक्री को जोड़ने वाली पोस्ट पर बोले रतन टाटा

उद्योगपति रतन टाटा (Industrialist Ratan Tata) ने एक बार फिर इंस्टाग्राम पर एक बयान को गलत तरीके से चिह्नित करने के लिए एक पोस्ट शेयर करते हुए जानकारी दी. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस बयान से लगता है कि रतन टाटा ने "आधार कार्ड के जरिए शराब की बिक्री" किए जाने की बात कही थी. रतन टाटा द्वारा शेयर किए गए एक स्क्रीनशॉट में लिखा था, कि "शराब की बिक्री आधार कार्ड के जरिए की जानी चाहिए. शराब खरीदारों के लिए सरकारी खाद्य सब्सिडी बंद कर दी जानी चाहिए." जो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर शेयर किया.

उसमें आगे लिखा था, "जिनके पास शराब खरीदने की सुविधा है, वे निश्चित रूप से भोजन खरीद सकते हैं. जब हम उन्हें मुफ्त भोजन देते हैं तो वे शराब खरीदते हैं."

टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने पोस्ट को फर्जी बताया. उन्होंने एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा "यह मेरे द्वारा नहीं कहा गया था. धन्यवाद. साथ ही उन्होंने "फेक न्यूज" शब्दों के साथ एक GIF भी शेयर किया.

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यह पहली बार नहीं है कि जब रतन टाटा के किसी पोस्ट को गलत तरीके से दिखाया गया है. पिछले साल, उन्होंने कमेंट के साथ एक पोस्ट के बाद एक स्पष्टीकरण दिया - "अर्थव्यवस्था की भारी गिरावट" को कोरोनोवायरस महामारी से जोड़ना - सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया गया था.

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रतन टाटा, उस समय लोगों को इसे व्हाट्सएप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करने से पहले प्रसारित मीडिया को सत्यापित करने के लिए कहा था. टाटा ने लिखा था, "अगर मुझे कुछ कहना है, तो मैं इसे अपने आधिकारिक चैनलों पर कहूंगा."

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कल एक और उद्योगपति को भी गलत तरीके से पोस्ट किए गए पोस्ट पर स्पष्टीकरण जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा. पोस्ट में कथित तौर पर आनंद महिंद्रा की कुछ "जीवन बदलने वाली सलाह" थी, लेकिन महिंद्रा समूह के अध्यक्ष ने कल स्पष्ट किया कि उन्होंने उन शब्दों को कभी नहीं कहा.

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