एक स्ट्रीट फूड विक्रेता (Street Food Vendor) अपनी हाजिर जवाबी से ऑनलाइन सुर्खियाँ बटोर रहा है क्योंकि उसने कुछ ऐसा कह दिया, जिससे कॉर्पोरेट कर्मचारियों (Corporate Employees) का दिल टूट गया. ये वीडियो देखकर आपको भी ऐसा ही लगेगा. इंस्टाग्राम वीडियो, जो अब वायरल हो रहा है, इसमें देखा जा सकता है कि डोसा बनाने वाले ने गर्व से अपनी ज्यादा कमाई का श्रेय औपचारिक शिक्षा की कमी को दिया. विक्रेता के अनुसार, कॉर्पोरेट नौकरी की दौड़ से बचने से उन्हें मदद मिली क्योंकि उन्होंने कहा कि वहां सिर्फ प्रति माह 30,000 रुपये से 40,000 रुपये की छोटी सैलरी मिलती है.
वायरल वीडियो में एक शख्स को सड़क किनारे अपनी दुकान पर डोसा बनाते हुए दिखाया गया है. इसके बाद, वह अपने हाथों में अमूल मक्खन का एक पैकेट उठाता है और उसे कैमरे के सामने दिखाता है. फिर वह वीडियो बनाने वाले शख्स से यह देखने के लिए कहता है कि क्या मक्खन वास्तव में प्रसिद्ध ब्रांड का है.
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विक्रेता ने कहा, "ये अमूल बटर ही है ना. मैं ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं हूं." और उसने मजाकिया लहजे में कहा कि ब्रांड का नाम पढ़ना उसके कौशल से परे है, क्योंकि वह ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था. स्ट्रीट वेंडर ने मज़ाक में कहा, "क्योंकि मैं पढ़ा लिखा कम हूं, तभी ज्यादा कमा कर रहा हूं, वरना मैं भी कोई 30,000 से 40,000 रुपये की नौकरी करता.'
वीडियो को इंस्टाग्राम पर 5 लाख से ज्यादा लाइक्स मिले हैं, लोग वीडियो पर ढेरों कमेंट्स भी कर रहे हैं. एक यूजर ने दुख जताते हुए कहा कि इस वीडियो से उन्हें 'भावनात्मक क्षति' पहुंची है. दूसरे ने लिखा, "ऐसा मत कहो. मैं अपने आखिरी साल में हूं." एक इंस्टाग्राम यूजर ने कहा, "भाई ने आधे कॉरपोरेट गुलामों का दिल तोड़ दिया." एक ने विनोदपूर्वक कहा कि रेहड़ी वाले के कमेंट देखकर निकले आंसुओं के कारण डोसे का स्वाद बिगड़ गया.