17 साल पहले रेस्टोरेंट में खाने-पीने पर सिर्फ इतना होता था खर्च, 2007 का दिल्ली के Bar का बिल वायरल, हैरान हुए यजूर्स

2007 का एक रेस्तरां बिल वायरल हो रहा है, जिसे एक रेडिट यूजर ने शेयर किया है. पोस्ट ने मुद्रास्फीति और जीवनयापन की बढ़ती लागत के बारे में एक बहस छेड़ दी है.

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सोशल मीडिया पर पुराने बिलों को साझा करने के ट्रेंड ने काफी लोकप्रियता हासिल की है, क्योंकि लोग अतीत से जुड़ना चाहते हैं और पुरानी यादें ताजा करना चाहते हैं. पुरानी तस्वीरों से लेकर प्राचीन वस्तुओं तक, ऐसी चीजें अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं और लोगों के बीच किसी नए विषय पर चर्चा छेड़ देती हैं.

हाल ही में 2007 का एक रेस्तरां बिल वायरल हो रहा है, जिसे एक रेडिट यूजर ने शेयर किया है. पोस्ट ने मुद्रास्फीति और जीवनयापन की बढ़ती लागत के बारे में एक बहस छेड़ दी है. "द सपर फैक्ट्री" के बिल से पता चला कि 2007 में दस वस्तुओं के भोजन की कीमत केवल 2,522 रुपये थी, जो आज की कीमतों से बहुत कम है. पोस्ट ने ऑनलाइन बहुत अधिक ध्यान आकर्षित किया है, जिसके बाद यूजर्स भी अपनी कहानियां शेयर कर रहे हैं और कीमतों के अंतर पर हैरानी ज़ाहिर कर रहे हैं.

Throwing party in 2007 was pocket friendly.
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पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, "2007 में दिल्ली में बार विजिट के 2 बिल मिले. यार, मैं विश्वास नहीं कर सकता कि तब से खाने और शराब की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं." हालांकि, सभी यूजर्स को ऐसा महसूस नहीं हुआ. जबकि कुछ लोगों को यह पोस्ट पुरानी यादें ताजा कर गई, कई ने तुरंत ध्यान दिया कि 2007 में भी, 2,500 रुपये को बजट-अनुकूल नाइट आउट नहीं माना जाता था. 

एक यूजर ने कमेंट किया, "18 साल पहले 2500 इतने पॉकेट-फ्रेंडली नहीं थे भाई". एक अन्य ने कहा, "मेरे लिए, 2007 ऐसा लगता है जैसे यह केवल 7-8 साल पहले था, 17 साल पहले नहीं!" दूसरे यूजर ने कमेंट किया, "ओह मेरा विश्वास करो, 2007 में यह कहीं भी 'पॉकेट-फ्रेंडली' नहीं था. यह एक कमरे के अपार्टमेंट के लिए पूरे महीने का किराया था." चौथे यूजर ने कमेंट किया, "मुद्रास्फीति के बारे में कमेंट करने वाले लोगों को बात समझ में नहीं आ रही है. वेतन कीमतों के बराबर भी नहीं बढ़ा है."

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