1 हजार इंसानों को शुक्र ग्रह पर भेजना चाहते हैं टाइटन पनडुब्‍बी बनाने वाली कंपनी के को-फाउंडर

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि शुक्र ग्रह का वातावरण बहुत अधिक गर्म और कठोर है. बिना सुरक्षा उपायों के वहां इंसान का रह पाना असंभव है. यहां पहुंचना अपने आप में ही एक बहुत बड़ी बात है.

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आपने टाइटन पनडुब्‍बी (Titan submersible)  के बारे में ज़रूर सुना होगा? अभी हाल ही में 18 जून को टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए 5 लोग गए थे. हालांकि, सभी की मौत हो गई. दरअसल, ये सभी जानकारी आपको इसलिए दे रहा हूं कि अभी हाल ही में टाइटन पनडुब्‍बी की कंपनी ओशनगेट (OceanGate) के को-फाउंडर गुइलेर्मो सोहनेलिन (Guillermo Söhnlein) की नजरें अब नए लक्ष्‍य पर हैं.उनकी योजना है कि साल 2050 तक 1 हजार इंसानों को शुक्र ग्रह के वातावरण में रहने भेजा जाए.

बिजनेस इनसाइडर के अनुसार, ओशनगेट (OceanGate) के को-फाउंडर गुइलेर्मो सोहनेलिन का कहना है कि यह योजना महत्‍वाकांक्षी है, उन्‍हें लगता है कि साल 2050 तक ऐसा करना संभव है.

सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि सोहनेलिन ने अपने लक्ष्‍य की तुलना एलन मस्‍क के एक ट्वीट से की. साल 2020 की जनवरी में मस्‍क ने कहा था कि उनका लक्ष्‍य 2050 तक 10 लाख लोगों को मंगल ग्रह की सतह पर पहुंचाना है. ऐसे में ओशनगेट के को-फाउंडर गुइलेर्मो सोहनेलिन भी स्पेस की रेस में हैं. वो भी पृथ्वीवासियों को अंतरीक्ष की यात्रा करवाना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, इंसानों को शुक्र ग्रह पर भेजना सोहनेलिन की ओशनगेट का मकसद नहीं. ह्यूमन्स2वीनस (Humans2Venus) प्रोजेक्‍ट के जरिए वह लंबे वक्‍त से इस पर काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि शुक्र ग्रह का वातावरण मुख्‍य रूप से कार्बन डाई ऑक्‍साइड से बना है और वहां सल्फ्यूरिक एसिड की बारिश होती है.

क्या है ह्यूमन्स2वीनस?

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि साल 2020 में उन्‍होंने ह्यूमन्स2वीनस की शुरुआत की थी. वह इसके संस्थापक और चेयरमैन हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि शुक्र ग्रह का वातावरण बहुत अधिक गर्म और कठोर है. बिना सुरक्षा उपायों के वहां इंसान का रह पाना असंभव है. यहां पहुंचना अपने आप में ही एक बहुत बड़ी बात है.

शुक्र ग्रह के वातावरण पर सोहनलेन ने एक रिसर्च पेपर के हवाले से दावा किया है कि शुक्र ग्रह के वायमुंडल में ग्रह की सतह से 30 मील ऊपर एक ऐसा क्षेत्र हैं, जहां इंसान ठहर सकता है. वहां तापमान और प्रेशर काफी कम है. सोहनलेन एक ऐसे स्‍पेस स्‍टेशन की वकालत करते हैं, जो सल्फ्यूरिक एसिड का सामना कर सके. उनका कहना है कि ऐसा हो पाया तो इंसान शुक्र ग्रह के वातावरण में सैकड़ों से लेकर हजारों लोग रह सकते हैं.

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