शहर के एम ए चिदंबरम स्टेडियम में सोमवार को उस समय गहमागहमी की स्थिति बन गयी जब वहां तैनात एक पुलिस अधिकारी ने कुछ क्रिकेट प्रशंसकों को पाकिस्तान और अफगानिस्तान का मैच देखने जाते समय तिरंगा झंडा ले जाने से रोक दिया. जब कुछ क्रिकेट प्रशंसकों ने मैच देखने के लिए स्टेडियम के अंदर जाते वक्त भारतीय झंडा अपने साथ ले जाने की कोशिश की तो एक पुलिस उप-निरीक्षक ने उन्हें रोक दिया. इसके फौरन बाद खबर फैल गयी कि पुलिस ने लोगों को स्टेडियम में तिरंगा ले जाने से रोक दिया.
इस बारे में जब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि भारतीय ध्वज को ले जाने पर कोई रोक नहीं है. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘इसकी अनुमति है. अधिकारी ने व्यक्तिगत रूप से इस तरह की कार्रवाई की और इस मामले में विभागीय जांच चल रही है.'' अधिकारी ने दावा किया कि यह इस तरह की इकलौती घटना थी और पुलिस ने किसी को झंडे ले जाने से नहीं रोका.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्टेडियम में भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के झंडे ले जाने की अनुमति थी. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कथित तौर पर भारतीय झंडा ले जाने से रोकने के लिए पुलिस की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘‘स्टेडियम के बाहर पुलिस ने प्रशंसकों को आज के मैच में भारतीय झंडा ले जाने की अनुमति नहीं दी. तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) को यह अधिकार किसने दिया?''
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘हम हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं और द्रमुक को राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए. ऐसा नहीं किया गया तो भाजपा की तमिलनाडु इकाई तिरंगा की शुचिता का अपमान करने के लिए भ्रष्ट द्रमुक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगी.''