गर्म मौसम में बर्फ से ढका 'स्नो विलेज', इस टूरिस्ट प्रोजेक्ट की सच्चाई जान झन्ना गया दिमाग

गर्म मौसम में लोगों का ध्यान खींचने के लिए टूरिस्ट प्रोजेक्ट ने रूई और सफेद रेत से बनाई गई नकली बर्फ, सोशल मीडिया पर फेक तस्वीरें वायरल होने के बाद टूरिस्ट पहुंचे तो खुला राज...मांगनी पड़ी माफी.

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नकली बर्फ से ढका 'स्नो विलेज', चीन के टूरिस्ट प्रोजेक्ट की सच्चाई सामने आई, मांगनी पड़ी माफी

China Fake Snow Village Tourist Scam: हाल ही में चीन के एक टूरिस्ट प्रोजेक्ट ने लोगों का ध्यान खींचने के लिए ऐसा तिकड़म लगाया, जो आपकी सोच से भी पड़े है, लेकिन जब पोल खुली तो उनकी भी इमेज का फालूदा बन गया. दरअसल, अपनी एक करामात के चक्कर में चीन के एक टूरिस्ट प्रोजेक्ट को अपना सा मुंह लेकर बैठना पड़ा. बताया जा रहा है कि, चीन के एक टूरिस्ट प्रोजेक्ट को गुमराह करने के चक्कर में लोगों से माफी मांगनी पड़ी, क्योंकि उन्होंने नकली बर्फ से ढके हुए 'स्नो विलेज' (Snow Village) की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं. असल में, वहां बर्फबारी नहीं हो रही थी, ऐसे में लोगों का ध्यान इस ओर खींचने के लिए उन्होंने सफेद रेत और रूई का इस्तेमाल करके आर्टिफिशियल स्नो ही तैयार कर दिया. जैसे ही यह खबर वायरल हुई, टूरिस्ट और सोशल मीडिया यूजर्स का गुस्सा फूट पड़ा.

सोशल मीडिया पर फेक तस्वीरें, टूरिस्ट हुए गुमराह (Chengdu snow village controversy)

टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इस प्रोजेक्ट ने अपने विज्ञापन में यह दिखाया कि गांव पूरी तरह बर्फ से ढका हुआ है. सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं तस्वीरें इतनी असली लग रही थीं कि हजारों टूरिस्ट इस जगह पर बर्फबारी का आनंद लेने के लिए पहुंच गए, लेकिन जब वे मौके पर पहुंचे, तो उन्हें असली बर्फ की जगह सफेद रेत और रूई के ढेर मिले, जिसे देखकर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.

यहां देखें वीडियो

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गर्म मौसम में 'स्नो विलेज' कैसे? शक हुआ तो सामने आई सच्चाई (China fake snow village)

कुछ टूरिस्टों को गर्म मौसम में इतनी ज्यादा बर्फ देखकर शक हुआ. जब उन्होंने करीब से जांच की, तो पाया कि यह असली बर्फ नहीं थी, बल्कि कपास और सफेद रेत से बनाया गया एक आर्टिफिशियल सेटअप था. इस धोखाधड़ी की पोल खुलते ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया.  

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आयोजकों ने मांगी माफी, कहा- गलत इरादे से नहीं किया (Fake snow tourism scandal)

मामला बढ़ने के बाद इस टूरिस्ट प्रोजेक्ट के आयोजकों ने आधिकारिक तौर पर माफी मांगी. उन्होंने कहा कि उनका मकसद लोगों को गुमराह करना नहीं था, बल्कि वे सिर्फ एक अलग तरह का अनुभव देना चाहते थे. हालांकि, सोशल मीडिया पर इस पर जमकर बहस हो रही है कि क्या यह सिर्फ एक मार्केटिंग स्ट्रेटजी थी या फिर जानबूझकर किया गया धोखा.  

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फेक एडवरटाइजिंग और टूरिज्म पर असर (Fake Snow Village)

यह मामला दिखाता है कि किस तरह फेक एडवरटाइजिंग (Fake Advertising) टूरिज्म सेक्टर में लोगों को गुमराह कर सकती है. ऐसे मामलों में लोगों को जागरूक रहना जरूरी है, ताकि वे किसी भ्रम में आकर अपनी मेहनत की कमाई खर्च न करें. 

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