लगभग सभी को खाली टाइम में मूवी या वेब सीरीज देखना काफी पसंद होता है. मनोरंजन के साथ-साथ रूटीन लाइफ से हटकर फुर्सत के ये पल हमें रिफ्रेश कर देते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि मौत के बाद भी इस तरह के रिक्रिएशन और रिफ्रेशमेंट की जरूरत पड़ सकती है. थाईलैंड (Thailand) के एक कब्रिस्तान (Cemetery) ने मुर्दों के लिए मूवी नाइट (Movie Night For The Dead) ऑर्गेनाइज कर इंटरनेट पर सनसनी मचा दी है. आयोजकों की मानें तो मृतकों को याद करते हुए उन्हें एंटरटेनमेंट का मॉडर्न साधन उपलब्ध कराने के लिए मूवी नाइट ऑर्गेनाइज की गई थी.
मुर्दों के लिए मूवी नाइट
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, थाईलैंड में बस जाने वाले चीन के लोगों के वंशज के कब्रिस्तान में 2 जून से 6 जून तक मूवी नाइट का आयोजन हुआ. इस दौरान हर दिन शाम 7 बजे से आधी रात तक फिल्में दिखाई गई. इसके अलावा मृतकों के लिए खाना, मॉडल घर, गाड़ी, कपड़े और दैनिक जरूरत के सामान भी रखे गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, ओपन-एयर शो के दौरान केवल चार स्टाफ सदस्य मौजूद थे.
इवेंट ऑर्गेनाइज कराने वाले कॉन्ट्रैक्टर ने बताया कि शुरुआत में वह कब्रिस्तान में मूवी नाइट के आयोजन को लेकर थोड़े से डरे हुए थे, लेकिन इवेंट के बाद उन्होंने पूरे अनुभव को यूनिक और पॉजिटिव बताया. सोशल मीडिया यूजर्स इस इवेंट के बारे में जानकर चकित रह गए. एक यूजर ने लिखा, "यह डरावनी फिल्म स्क्रिनिंग असल में मृतकों को संतुष्टि देगा जिससे जीवित लोगों को सहजता महसूस होगी."
दरअसल, थाईलैंड के चाइनी्ज कम्युनिटी में यह मान्यता है कि अधूरी इच्छाओं के कारण मृत्यु के बाद आत्माएं भटकती रहती है. ऐसे इवेंट्स के जरिए उन आत्माओं को संतुष्टि मिलती है और वह सम्मानित महसूस करते हैं. इसके परिणामस्वरूप वह जीवित लोगों के जीवन में उनका दखल कम हो जाता है.
थाईलैंड के चाइनीज कम्यूनिटी की है परंपरा
ऑर्गेनाइजर्स के मुताबिक, मृत लोगों को याद करते हुए उन्हें एंटरटेनमेंट का मॉडर्न साधन मुहैया कराने के लिए मूवी नाइट आयोजित की गई थी. उन्होंने बताया कि थाईलैंड के चाइनीज कम्यूनिटी में चिंग मिंग फेस्टिवल के बाद या ड्रैगन बोट फेस्टिवल से पहले मृत पूर्वजों के लिए मूवी स्क्रीनिंग रखने की परंपरा पुरानी है.
थाईलैंड में बौद्ध भी पुनर्जन्म और उसके बाद के जीवन में विश्वास रखते हैं. उनमें से कई लोग मानते हैं कि मृत्यु के बाद, आत्मा पुनर्जन्म के एक नए चक्र में प्रवेश करती है. इसलिए, मृतकों को फिल्में दिखाना दिवंगत को सांत्वना देने का एक तरीका बन जाता है, जिससे उन्हें संतुष्टि महसूस होती है और उनका पुनर्जन्म सुनिश्चित होता है.
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