हम सभी ने अंतरिक्ष में मौजूद ब्लैक होल के बारे में कभी न कभी जरूर सुना होगा. इस होल को लेकर आए दिन नई-नई बात की जाती है, लेकिन वैज्ञानिकों की ओर से ब्लैक होल को लेकर कही गई नई बात सबको हैरान कर रही है. वैज्ञानिकों का दावा है कि, ब्लैक होल डार्क एनर्जी का सोर्स हो सकते हैं. शोधकर्ताओं के एक ग्रुप ने अलग-अलग आकाशगंगाओं में ब्लैक होल की वृद्धि दर की तुलना करने के बाद ये निष्कर्ष निकाला है कि, ब्लैक होल के अंदर डार्क एनर्जी का निर्माण किया जा सकता है.
हाल ही में जारी दो अध्ययनों में वैज्ञानिकों की ओर से कहा गया है कि, ब्रह्मांड का विस्तार करने वाली डार्क एनर्जी ब्लैक होल से आ सकती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, ब्लैक होल तब बनता है जब बड़े स्तर पर तारे अपने जीवन के आखिर में आ जाते हैं. हवाई विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री डंकन फराह के अनुसार, ब्लैक होल डार्क एनर्जी का स्रोत है. यह सितारों के ब्लैक होल के निगलने, टूटने और समाप्त होने पर बनती है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, वैज्ञानिकों ने प्रथम बार 1990 दशक के आखिरी में डार्क एनर्जी का प्रस्ताव दिया था. उस दौरान दूर के सितारों के मापन से पता चला था कि, ब्रह्मांड का विस्तार तेज हो रहा है. साल 1998 में वैज्ञानिकों की समझ में आया कि, ब्रह्मांड का विस्तार तेजी से हो रहा है, जिस वजह से ये विस्तार हो रहा है, उसे ही डार्क एनर्जी कहा गया है.
महान वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन के सिद्धांतों के लिए भी ये रिसर्च चुनौती है. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि, तारों को खत्म करने में ब्लैक होल के अंदर बनने वाली डार्क एनर्जी खत्म नहीं होती है, जबकि कुछ वैज्ञानिक इन सब बातों से बिलकुल भी सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि, ब्लैक होल और डार्क एनर्जी को एक-दूसरे से जोड़कर पेश करना बहुत जल्दबाजी होगी.