पॉड या कैप्सूल होटल (Pod Hotel) का कॉन्सेप्ट, जिसे पहली बार 1979 में जापान (Japan) में पेश किया गया था, दुनिया भर में लगातार लोकप्रिय हो रहा है. वहीं अब इंडिया इस तरह के होटलों का नया बाजार बन रहा है. आर्किटेक्ट किशो कुरोकावा के दिमाग की उपज, कैप्सूल होटल को बिजी प्रोफेशनल्स और यात्रियों के लिए किफायती और बेहतर आवास सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है.
हाल ही में, एक ट्रैवल व्लॉगर नोएडा सेक्टर 62 में एक पॉड-स्टाइल होटल, नैपटैपगो में रुकी और एक्स पर अपना एक्सपीरियंस शेयर किया. एक विस्तृत थ्रेड में, @Somya_Crazy ने इस होटल रूम की एक झलक पेश करते हुए कई तस्वीरें पोस्ट कीं. पॉड होटल में मेहमानों के लिए कंफर्टेबल कैप्सूल या पॉड हैं, साथ ही निजी पॉड सुइट भी हैं. अपने प्रवास के दौरान, वह एक सिंगल बेड, मिरर, कंट्रोल पैनल, चार्जिंग पॉइंट, मैनुअल, सेंट्रलाइज्ड लॉक और एक मनोरंजन स्क्रीन से सजी कैप्सूल में नजर आती है. होटल ने एक महिला वॉशरूम, एक कॉमन वॉशरूम जिसे काफी साफ बताया गया है, और एक साझा कॉमन एरिया भी है. ट्रैवल व्लॉगर ने अपने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, "नोएडा में एक पॉड-स्टाइल होटल में रुकी!".
यहां तस्वीरें देखें:
हालांकि उसका 8 घंटे का प्रवास काफी हद तक पॉजिटिव था, लेकिन उसने कुछ कमियां भी देखीं. पॉड साउंड प्रूफ नहीं था और वह पड़ोसी पॉड से आवाज सुन पा रही थी. इसे डॉरमेट्री-स्टाइल रहने जैसा महसूस कर सकती थी. हालांकि उन्होंने इसे इस कीमत के दूसरे होटल्स से बेहतर बताया.
व्लॉगर ने शनिवार को सुबह 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक अपने 8 घंटे के प्रवास के लिए ₹1,000 का भुगतान किया और बताया कि वीकडेज पर कीमतें सस्ती हैं. होटल में दो ऑपशन हैं, सिंगल रहने वालों के लिए निजी पॉड और समान सुविधाओं के साथ एक एडल्ट और एक बच्चे के लिए निजी पॉड रूम सुइट्स.
आनंद महिंद्रा ने किया पोस्ट
इस ट्वीट ने उद्योगपति आनंद महिंद्रा का भी ध्यान खींचा, जो इनोवेशन के मुखर समर्थक हैं. उन्होंने नोएडा के कैप्सूल होटलों को काफी शानदार बताया. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''यह काफी शानदार लग रहा है. मैंने हमेशा सोचा है कि कैप्सूल होटल की अवधारणा (पहली बार जापान में देखी गई) भारत में कार्यात्मक और साफ-सुथरे होटल कमरों के विस्तार के लिए आदर्श होगी, जो बजट यात्रा को एक नया आयाम देगी. लेकिन आप में से कितने लोग इससे सहमत हैं? क्या आपको यह क्लॉस्ट्रोफोबिक लगेगा?''