74 साल बाद दोस्त बशीर से मिले गोपाल, दोनों ऐसे गले मिले जैसे आत्माओं का मिलन हो रहा हो

बचपन की यादें इंसान कभी नहीं भूलता है. ख़ासकर, बचपन के दोस्त, जिनके साथ हम अपनी बेहतरीन लम्हों को बिताते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे पढ़कर आपकी आंखें नम हो जाएंगी. 

विज्ञापन
Read Time: 22 mins

बचपन की यादें इंसान कभी नहीं भूलता है. ख़ासकर, बचपन के दोस्त, जिनके साथ हम अपनी बेहतरीन लम्हों को बिताते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे पढ़कर आपकी आंखें नम हो जाएंगी. 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान कई लोगों ने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को खोया है. उनमें से सरदार गोपाल सिंह और मुहम्मद बशीर भी थे. मगर किस्मत ने 74 साल बाद दोनों को मिलवा दिया. जब ये दोनों दोस्त करतारपुर के गुरद्वारा दरबार साहिब में मिले तो भावुक हो गए. दोनों दोस्त मिलने के बाद बेहद भावुक हुए. इनके पास में लोग खड़े थे, वे भी भावुक हो गए.

इस प्यारी तस्वीर और कहानी को आरिफ़ शाह ने ट्विटर के ज़रिए शेयर किया है.

पकिस्तान के नरोवाल में रहने वाले 91 साल के बशीर को नहीं पता था कि वो भारत में रहने वाले अपने दोस्त गोपाल से कभी मिल पाएंगे. 94 साल की उम्र में सरदार गोपाल के लिए भी बशीर से इस तरह मिलना भावुक करने वाला रहा.

Advertisement
Advertisement

ये कहानी वाकई में मर्मस्पर्शी है. इस कहानी को जानने के बाद लोग और ऐसी कहानी जानना चाहते हैं. क्या आप भी किसी ऐसे इंसान को जानते हैं जो विभाजन के दौरान अपनों से बिछड़ गया? अगर आपको जानकारी हो तो कमेंट करके हमें ज़रूर बताएं.

Advertisement


ये भी पढ़ें- नौ हफ्तों से अलग-अलग तरीके से विरोध जता रहे मुंबई के पर्यावरण प्रेमी, बता रहे हैं सोहित मिश्रा

Advertisement

Featured Video Of The Day
Jharkhand Assembly Elections: महिलाओं ने की पुरुषों से ज्यादा Voting, 68 सीटों पर निकलीं आगे
Topics mentioned in this article