दमदार कहानी, सशक्त निर्देशन और उम्दा अभिनय से सजी है 'धूप छांव, लोगों को पसंद आ रही है फिल्म

अगर आप साफ़-सुथरी और समाज को एक बढ़िया संदेश देनेवाली पारिवारिक फिल्में देखना पसंद करते हैं तो इस शुक्रवार को देशभर के 300 सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई 'धूप छांव' को सिनेमा के बड़े पर्दे पर ज़रूर देखें.

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'धूप छांव' ज़िंदगी में आनेवाले सुख-दुख को बयां करते हैं जिसे इस शुक्रवार को रिलीज़ हुई फ़िल्म 'धूप छांव' में बख़ूबी दर्शाया गया है. इस फ़िल्म की कहानी पारिवारिक मूल्यों पर आधारित है जो दो भाईयों के प्यार, त्याग और समर्पण को कुछ इस अंदाज में पेश करती है कि  आप आख़िर अपनी नज़रें सिनेमा के पर्दे पर नहीं हटा सकेंगे. कंटेंट के हिसाब से इस फिल्म को 4 स्टार दिया जा सकता है. 1984 के सिख-विरोधी दंगों के बैकग्राउंड पर बनी इस फ़िल्म में दो भाईयों के प्यार, त्याग और संघर्ष और साथ ही किसी भी क़ीमत पर परिवार को बिखरने ना देने की कोशिशों को बख़ूबी से दर्शाया गया है.

इस फ़िल्म में दिखाया गया है कि कैसे अपने परिवार को एक ही छत के नीचे रखने‌ की जद्दोजहद के दौरान दोनों भाइयों के सामने कई तरह की कठिनाइयां आती हैं जिसे बड़े ही दिलचस्प तरीके से फ़िल्माया गया है. एक बढ़िया अभिनेता के तौर पर अपनी पहचान रखनेवाले राहुल देव फ़िल्म एक मार्गदर्शक के किरदार में है जिन्होंने‌ फ़िल्म में दमदार अभिनय किया किया है. उन्होंने फ़िल्म में ऐसा परफॉर्मेंस दिया है जिसे आनेवाले कई सालों तक याद किया जाएगा. राहुल देव इतने जटिल किरदार को बड़े ही सहज और स्वाभाविक तरीके से निभा ले गये हैं जिसके के लिए उनकी जितनी प्रशंसा‌ की जाए,  कम ही होगी. अभिषेक दुहान भी अपने अभिनय से प्रभावित करते हैं.

उन्होंने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है. फ़िल्म में उनकी बॉडी लैंगवेज और संवाद अदायगी बेहद प्रशंनीय है. अहम शर्मा ने भी अपने किरदार को बखूबी निभाया है. अतुल श्रीवास्तव की उपस्थिति ने फ़िल्म में जान डाल दी है तो वहीं समीक्षा भटनागर ने बखूबी अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है . राहुल बग्गा, शुभांगी लतकर, आशीष दीक्षित, आर्यन बजाज और स्मृति बथीजा ने भी अपने-अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया है. लेखक और निर्देशक हेमंत शरण और अमित सरकार है ने इस फ़िल्म को दिलचस्प बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. म्यूज़िक डायरेक्टर अमिताभ रंजन, नीरज श्रीधर और काशी रिचर्ड हैं का संगीत बेहद कर्णप्रिय है.

अगर आप साफ़-सुथरी और समाज को एक बढ़िया संदेश देनेवाली पारिवारिक फिल्में देखना पसंद करते हैं तो इस शुक्रवार को देशभर के 300 सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई 'धूप छांव' को सिनेमा के बड़े पर्दे पर ज़रूर देखें.

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