झारखंड (Jharkhand) के जमशेदपुर (Jamshedpur) में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के अवसर पर आधार कार्ड (Aadhaar card) के आकार में एक पंडाल (pandal) तैयार किया गया है, जिसमें कैलाश में भगवान गणेश (Lord Ganesha) के पते और छठी शताब्दी के दौरान उनकी जन्मतिथि की जानकारी दी गई है. आधार कार्ड में एक कट-आउट बना है जिसके अंदर देवता की मूर्ति रखी है. इसके किनारे मौजूद बारकोड को स्कैन करने पर, स्क्रीन पर भगवान गणेश की छवियों के लिए एक Google लिंक खुल जाता है.
इस पर दिया गया पता श्री गणेश पुत्र महादेव, कैलाश पर्वत, शीर्ष तल, निकट, मानसरोवर, झील, कैलाश पिनकोड- 000001 और जन्म का वर्ष 01/01/600 सीई है.
इस गणेश पंडाल के आयोजक, सरव कुमार ने एएनआई से बात करते हुए बताया, कि उन्हें इस आधार कार्ड-थीम वाले पंडाल को कोलकाता जाने के बाद जहां एक फेसबुक थीम पंडाल बनाया गया था, उसे देखकर ये बनाने का विचार आया.
उन्होंने कहा, "एक बार जब मैं कोलकाता का दौरा कर रहा था, मैंने वहां एक फेसबुक पंडाल देखा. चूंकि मैं गणेश पूजा भी करता हूं, इसलिए मेरे दिमाग में यह आया कि मुझे भी कुछ अनोखा करना चाहिए. इसलिए, मुझे इस आधार कार्ड पंडाल का विचार आया."
कुमार का उद्देश्य अपने अनूठे पंडाल के माध्यम से एक महत्वपूर्ण संदेश देना भी है. वह यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि जिन लोगों के आधार कार्ड नहीं बने हैं, वे इसे जल्द से जल्द करवा लें क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है.
उन्होंने कहा, "जब भगवान के पास आधार कार्ड हो सकता है, तो शायद जिन लोगों ने अपना आधार कार्ड नहीं बनाया है, वे प्रेरित हो सकते हैं और उनका अनुसरण कर सकते हैं."
कई लोगों को अनोखे थीम वाले गणेश पंडाल का आनंद लेते हुए और इसके साथ तस्वीरें और सेल्फी क्लिक करते हुए भी देखा गया.
गणेश चतुर्थी का त्योहार भारत में बड़े उत्साह के साथ प्रतिवर्ष मनाया जाता है और हजारों भक्त मंदिरों और 'गणेशोत्सव पंडालों' में प्रार्थना करने के लिए आते हैं. दस दिवसीय यह शुभ उत्सव, जो कल से शुरू हुआ, चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होता है. ज्ञान और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश के भक्त भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के दौरान उनका जन्म मनाते हैं.
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