अब मौसम सिर्फ बदल नहीं रहा, बल्कि चेतावनी दे रहा है…भारत में इस साल की 6 बड़ी जलवायु आपदाएं

India climate change 2025: भारत जलवायु परिवर्तन के कई प्रभावों का सामना कर रहा है, जिनमें अत्यधिक गर्मी, जल संकट और जलवायु संबंधी बीमारियों का बढ़ता जोखिम शामिल है.

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कभी बर्फ नहीं गिरी, कहीं बादल फटे...भारत में इस साल की 6 बड़ी जलवायु आपदाएं

6 Real Climate Shocks India Faced This Year: भारत इस साल जलवायु परिवर्तन की गंभीर मार झेल रहा है. मौसम के पैटर्न बेतरतीब हो गए हैं. सर्दियां सिमट रही हैं, गर्मी मार्च से पहले ही दहाड़ने लगती है और बारिश तब होती है, जब उम्मीद नहीं होती. इस बदलाव की वजह से ना सिर्फ जानमाल का नुकसान हो रहा है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, खेती, पर्यटन और स्वास्थ्य प्रणाली पर भी गहरा असर पड़ रहा है.

इस वर्ष भारत को जिन 6 वास्तविक जलवायु झटकों का सामना करना पड़ा, वे इस प्रकार हैं. (Here are the 6 real climate shocks India faced this year)

बर्फहीन सर्दी ने चौंकाया (Snowless winter)

साल की शुरुआत कश्मीर के गुलमर्ग जैसे मशहूर पर्यटन स्थल पर बर्फ के बिना हुई. सर्दियों में जहां पर्यटक स्नोफॉल देखने आते थे, वहां इस बार बर्फ की एक परत भी नहीं थी. इससे पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगा. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह जलवायु परिवर्तन का सीधा असर है, जो अब खेती और जल स्रोतों को भी प्रभावित कर रहा है.

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हिमाचल में मानसून बना विनाशकारी (Himachal Pradesh's monsoon disaster)

हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून कहर बनकर टूटा. 109 लोगों की जान चली गई, 883 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ और 1,200 से ज्यादा मवेशी मारे गए. भूस्खलन, बादल फटना और बाढ़ ने राज्य को थाम कर रख दिया.

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पूर्वोत्तर में 800 से ज्यादा भूस्खलन (Northeast floods and landslides)

असम, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर जैसे राज्यों में बाढ़ और भूस्खलनों ने 5 लाख से ज्यादा लोगों को प्रभावित किया. अकेले मिजोरम में 400 से ज्यादा भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं.

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एल नीनो-ला नीना ने मौसम चक्र को हिला डाला (El Nino and La Nina)

भारत में बारिश अब असामान्य होती जा रही है. El Niño और La Niña जैसे वैश्विक मौसम पैटर्न अब और ज्यादा प्रभावी हो गए हैं. इससे एक ही समय पर तेज गर्मी और भारी बारिश की मार पड़ रही है.

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गर्मी की मार और लंबी होती गर्मियां (Heat stress)

अब गर्मी फरवरी से ही शुरू हो जाती है और नवंबर तक बनी रहती है. मुंबई, दिल्ली, पटना जैसे शहरों में हीटवेव के दिन दोगुने हो सकते हैं, ऐसा हालिया रिपोर्ट में सामने आया है. इस साल भारत के ज़्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी का दौर जारी रहा और यह हाल के उस चलन को जारी रखता है. जहां गर्मी फ़रवरी की शुरुआत में ही शुरू हो जाती है और नवंबर तक बनी रहती है. पिछले महीने आईपीई ग्लोबल और एसरी इंडिया द्वारा जारी एक अध्ययन में पाया गया है कि मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, सूरत, हैदराबाद, पटना और भुवनेश्वर में गर्मी के दिनों में दोगुनी वृद्धि होने का अनुमान है.

प्रदूषण में भी भारत शीर्ष पर (Pollution)

IQAir की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली लगातार दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी हुई है. भारत में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार आया है, लेकिन दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 6 भारत में हैं.

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