समुद्र में जहाज के मलबे के अंदर मिली 175 साल पुरानी शैम्पेन की बोतलें, आज भी इसके पीने लायक होने का दावा!

गोताखोर तब हैरान रह गए जब उन्हें 19वीं सदी का एक जहाज का मलबा मिला, जिसमें सैकड़ों बंद शैंपेन की बोतलें समेत कई आलीशान सामान भरे हुए थे.

Advertisement
Read Time: 2 mins

पोलिश गोताखोरों (Polish Divers) की एक टीम ने पिछले हफ़्ते एक ऐसी खोज की, जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. ये गोताखोर तब हैरान रह गए जब उन्हें 19वीं सदी का एक जहाज का मलबा (Shipwreck) मिला, जिसमें सैकड़ों बंद शैंपेन (Champagne) की बोतलें समेत कई आलीशान सामान भरे हुए थे.

निजी गोताखोरी समूह, बाल्टिकटेक, स्वीडिश तट से बाल्टिक सागर की खोज कर रहा था, जब उन्होंने शुरू में एक सोनार इमेज को एक सामान्य मछली पकड़ने वाले जहाज के रूप में खारिज कर दिया. हालांकि, दृढ़ निश्चयी गोताखोरों की एक जोड़ी ने आगे की जांच करने का फैसला किया, लगभग दो घंटे तक गायब रहने के बाद वे एक असाधारण खोज की खबर लेकर वापस लौटे.

जहाज के मलबे में मिले ये सामान

प्रेस रिलीज के मुताबिक, जहाज़ का मलबा चीनी मिट्टी के बरतन, मिनरल वाटर और शैंपेन की बोतलों से भरा हुआ था. मिनरल वाटर ब्रांड, सेल्टर्स, खास तौर से दिलचस्प है क्योंकि इसे कभी शाही अमृत माना जाता था और आज भी इसका निर्माण किया जाता है. हालांकि शैम्पेन ब्रांड एक रहस्य बना हुआ है, लेकिन गोताखोरों का मानना ​​है कि इसे स्टॉकहोम या सेंट पीटर्सबर्ग के शाही दरबार की मेज़ों पर परोसा जाता होगा.

टीम लीडर टॉमस स्टाचुरा ने इस खोज पर हैरानी जताते हुए कहा, "मैं 40 वर्षों से गोताखोरी कर रहा हूं और अक्सर ऐसा होता है कि हमें जहाज के मलबे में एक या दो बोतलें मिल जाती हैं, लेकिन इतना सारा माल मिलना मेरे लिए पहली बार है."

पीने योग्य हो सकती है शैम्पेन!

इतिहासकारों का मानना ​​है कि शैम्पेन का उत्पादन 1850 और 1867 के बीच हुआ था, जो इसे संभवतः दुनिया की सबसे पुरानी शैम्पेन में से एक बनाता है. बाल्टिक सागर की ठंडी, अंधेरी गहराई में संरक्षित बोतलों की प्राचीन स्थिति ने उम्मीद जगाई है कि शैम्पेन अभी भी पीने योग्य हो सकती है.

इस खोज ने इतिहासकारों और शैंपेन के शौकीनों में उत्साह भर दिया है, क्योंकि यह खोज 19वीं सदी के समुद्री व्यापार और विलासिता के सामान के बारे में मूल्यवान जानकारी दे सकती है.

Advertisement

ये Video भी देखें:

Featured Video Of The Day
Lebanon Pager Blast: पहले पेजर फिर वॉकी टॉकी, क्या हमलों के पीछे Israel की खुफिया Agency Mossad?
Topics mentioned in this article