चिप्स खाकर बीमार पड़े 14 बच्चे, अस्पताल में चल रहा इलाज, बेहद हैरान करने वाली है वजह

जापान टुडे के अनुसार, रोकुगो कोका हाई स्कूल में अत्यधिक मसालेदार आलू के चिप्स खाने से मतली, पेट दर्द और मुंह में दर्द की शिकायत के बाद मंगलवार को चौदह छात्रों को अस्पताल ले जाया गया.

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बच्चे अक्सर कुछ भी खाने की जिद करते हैं. ये बताए जाने के बावजूद कि कोई चीज उनके लिए हानिकारक हो सकती है, बच्चे मानते नहीं. हालांकि कई बार ऐसी चीजें उन्हें मुश्किल में डाल देती हैं. जापान टुडे के अनुसार, रोकुगो कोका हाई स्कूल में अत्यधिक मसालेदार आलू के चिप्स खाने से मतली, पेट दर्द और मुंह में दर्द की शिकायत के बाद मंगलवार को चौदह छात्रों को अस्पताल ले जाया गया.

न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, "18+ करी चिप्स" लेबल वाले चिप्स को एक छात्र स्कूल ले आया था और लगभग 30 क्लासमेट के ग्रुप के बीच बांटा गया था. सभी प्रभावित छात्र प्रथम वर्ष के छात्र हैं और माना जाता है कि उनमें केवल मामूली लक्षण हैं.

18 साल से कम उम्र के बच्चों को न खाने की चेतावनी

चिप्स का निर्माण इबाराकी प्रान्त में स्थित एक कंपनी इसोयामा कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाता है. कंपनी 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को इसके मसालेदार होने के कारण अपने उत्पाद का सेवन न करने की सलाह देती है और मसाले के प्रेमियों को इसे खाते समय सावधानी बरतने की चेतावनी देती है. कथित तौर पर चिप्स में घोस्ट पेपर्स होते हैं, जो दुनिया भर में सबसे तीखी मिर्चों में से एक है.

द मेट्रो के अनुसार, उनके उत्पाद घोस्ट पेपर या भुट जोलोकिया का इस्तेमाल करके बनाए जाते हैं, जो दुनिया में सबसे तीखी मिर्चों में से एक मानी जाती है. यह टैबैस्को सॉस से 170 गुना अधिक तीखी होती है. पिछले साल, सोशल मीडिया पर वायरल चैलेंज के तहत एक अमेरिकी किशोर की सुपर-स्पाइसी टॉर्टिला चिप खाने के बाद मौत हो गई थी.

14 वर्षीय दसवीं कक्षा के छात्र हैरिस वोलोबा की पैक्वी 'वन चिप चैलेंज' में भाग लेने के बाद कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट से मौत हो गई, जिसमें दुनिया की दो सबसे तीखी मिर्च कैरोलिना रीपर और नागा वाइपर से बनी सामग्री को खाना शामिल था.

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