कोरोना (Coronavirus) के चलते दुनियाभर में पढ़ाई का ट्रेंड ही बदल गया. साल 2020 से बच्चे स्कूलों के बजाए मोबाइल फोन के जरिए ऑनलाइन ही अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन इस नए ट्रेंड की पढ़ाई में कई गरीब बच्चे पिछड़ गए, जिनके पास फोन और इंटरनेट की सुविधा नहीं थी. लेकिन एक ऐसी बच्ची है, जिसने तमाम मुश्किलों के बाद भी अपने पढ़ाई करने के सपने को हकीकत में बदल दिया. यह कहानी है झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली 11 वर्षीय तुलसी कुमारी (Tulsi Kumari) की.
तुलसी कुमारी ने अपनी ऑनलाइन क्लासेस में शामिल होने के लिए हाल ही में एक दर्जन आमों को लाखों रुपये में बेच दिया और उन पैसों से ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के लिए एक स्मार्टफोन खरीद लिया. आपको जानकर हैरानी होगी कि बच्ची ने प्रत्येक आम को 10,000 रुपये में बेचा है.
अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुंबई के बिज़नेसमैन Ameya Hete को जब बच्ची के संघर्षों के बारे में पता चला तो उन्होंने बच्ची के पढ़ाई करने के सपने को पूरा करने के लिए उससे 12 आम 1.2 लाख रुपये में खरीद लिए. उन्होंने प्रत्येक आम 10 हजार रुपये में खऱीदा. कुल मिलाकर लड़की ने 12 आम 1.2 लाख रुपये में बेच दिए.
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए बच्ची ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उसके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी. उसके माता-पिता के पास ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए उसको स्मार्टफोन दिलाने का कोई साधन नहीं था.
तुलसी कुमारी ने कहा, "मैं एक स्मार्टफोन खरीदना चाहती थी, लेकिन आम बेचकर जो कुछ भी हम कमाते थे वो परिवार के लिए राशन खरीदने में चला जाता था. फिर एक 'सर' ने मुझसे 10,000 प्रत्येक रुपये में 12 आम खरीदे और उन्होंने मेरे लिए एक फोन भी खरीदा."
तुलसी कुमारी 5वीं कक्षा में पढ़ती हैं. तुलसी की मां पद्मिनी देवी ने कहा, "वह स्मार्टफोन खरीदना चाहती थी और इसके लिए लॉकडाउन के दौरान सड़क किनारे आम बेचने लगी. जब मुंबई के एक आदमी को उसके बारे में पता चला, तो उन्होंने उसे पैसे भेजे ताकि वह पढ़ाई और जीवन में कुछ बनने का अपना सपना पूरा कर सके."
बच्ची की मां ने आगे कहा, "हम उनके आभारी हैं. उन्होंने 10,000 में एक आम खरीदा और 12 आम खरीदे. उन्होंने उन पैसों से एक नया स्मार्टफोन और पढ़ाई का समान खरीदा."
Ameya Hete के अनुसार, उन्हें एक पत्रकार के सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से तुलसी के बारे में पता चला था और उन्होंने उनकी मदद करने का फैसला किया.
उन्होंने कहा, "जब मैंने उसकी कहानी के बारे में सुना, तो यह मेरे दिल को छू गई. हालांकि ऐसे कई बच्चे हैं, जिनका गरीबी से संघर्ष उनकी शिक्षा को प्रभावित कर रहा है. लेकिन तुलसी के बारे में जो बात मुझे प्रभावित करती है, वह यह है परिस्थितियों से हार न मानने और अपने सपनों के लिए प्रयास करने की उनकी भावना."