ट्रंप का दबाव या जेलेंस्की की मजबूरी: अमेरिका के साथ समझौता करने पहुंच रहे हैं यूक्रेन के राष्ट्रपति

जेलेंस्की के अमेरिका आने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा है कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता के बारे में भूल जाना चाहिए. पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन की नाटो में शामिल होने की चाहत तर्कसंगत नहीं है.

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नई दिल्ली:

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच चल रहे विवाद के समाप्त होने की संभावना है.  खबरों के मुताबिक, जेलेंस्की शुक्रवार को व्हाइट हाउस पहुंच सकते हैं, जहां वे ट्रंप के साथ एक अहम मुलाकात करेंगे.  इस मुलाकात का मकसद रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका के साथ एक आर्थिक और सुरक्षा समझौते को अंतिम रूप देना बताया जा रहा है. हालांकि, इस संभावित समझौते को लेकर यूक्रेन में बहस छिड़ गई है कि क्या जेलेंस्की ट्रंप के दबाव में आकर अपनी शर्तों से पीछे हट रहे हैं इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है. 

ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति से परेशान है यूक्रेन
तीन साल से रूस के खिलाफ जंग लड़ रहे यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन बेहद अहम रहा है. ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद से ही उनकी "अमेरिका फर्स्ट" नीति ने यूक्रेन को मुश्किल में डाल दिया है. ट्रंप ने बार-बार कहा है कि यूक्रेन को मुफ्त मदद नहीं मिलेगी और इसके बदले उसे अपने दुर्लभ खनिज संसाधनों (रेयर अर्थ एलिमेंट्स) तक अमेरिका को पहुंच देनी होगी. इन खनिजों का इस्तेमाल रक्षा, ऊर्जा और तकनीकी क्षेत्रों में होता है, और ट्रंप इन्हें चीन पर निर्भरता कम करने के लिए रणनीतिक संसाधन मानते हैं. जेलेंस्की इसके लिए तैयार नहीं थे हालांकि अब चर्चा है कि जेलेंस्की इसके लिए तैयार हो गए हैं. 

क्या ट्रंप के दबाव में आ गए जेलेंस्की?
जेलेंस्की ने शुरू में इस शर्त को ठुकराते हुए कहा था कि वह "अपना देश नहीं बेच सकते." उन्होंने अमेरिका और रूस के बीच बिना यूक्रेन की सहमति के किसी भी शांति समझौते को अस्वीकार्य करार दिया था. लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि दोनों देशों के बीच एक प्रारंभिक आर्थिक समझौता तैयार हो चुका है, जिसमें यूक्रेन के पुनर्निर्माण और खनिज संसाधनों तक अमेरिकी पहुंच शामिल है. जेलेंस्की ने बुधवार को कहा, "हमें अमेरिका से सुरक्षा गारंटी चाहिए, लेकिन हम व्यापक सहयोग के लिए तैयार हैं."

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यूरोप पर भड़के ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को यूरोपीय संघ को लेकर भी कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि ये संयुक्त राज्य अमेरिका का मुकाबला करने के लिए बनाया गया था. ट्रंप ने , "देखिए, ईमानदारी से कहूं तो, संयुक्त राज्य अमेरिका पर शिकंजा कसने के लिए यूरोपीय संघ का गठन किया गया था." इस बीच, ब्रिटेन के एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि ज़ेलेंस्की को प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के लिए रविवार को ब्रिटेन पहुंचने की 'उम्मीद'है.

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