World Bicycle Day 2022 : साइकिल से 75,000 KM तक 'Cycle Baba' ने Environment बचाने का दिया संदेश

"मैं अभी तक करीब 70 देशों की मैं साइकिल से यात्रा कर चुका हूं, ये करीब 75,000 किलोमीटर की राइड थी. अभी तक एक लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं और करीब 1200 स्कूल-कॉलेज में विजट कर मैं सेमिनार कर चुका हूं " - डॉ राज (Cycle Baba)

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World Bicycle Day 2022:  3 जून को पूरी दुनिया विश्व साइकिल दिवस के तौर पर मनाती है. इस ख़ास मौके पर NDTV ने बात की एक ऐसे जुनूनी श़ख्स से जो पिछले 6 साल से साइकिल से विश्व यात्रा कर रहा है. हम बात कर रहे हैं डॉक्टर राज पन्डेन की जो सोशल मीडया पर साइकिल बाबा (Cycle Baba) के नाम से मशहूर हैं. साइकिल बाबा ने दुनिया भर में पर्यावरण बचाने का संदेश देने के लिए 2016 में अपनी विश्व साइकिल यात्रा शुरू की थी और फिर धीरे-धीरे व्लॉगिग ( Vlogging) भी शुरू की. आज साइकिल बाबा के साथ यूट्यूब पर 548,000 और इंस्टाग्राम पर 124,000 सब्सक्राइबर्स उनकी वीडियोज़ के ज़रिए दुनिया घूम रहे हैं. यूरोप और दुनिया के करीब 70 देशों में घूमने के बाद डॉक्टर राज, या कहें कि साइकिल बाबा  पिछले कई महीनों से  दक्षिण अफ्रीका के कई देशों में घूम रहे हैं. वो प्यार से अपनी साइकिल को "धन्नो" कहते हैं.  

NDTV से बात करने के लिए उन्होंने अपनी "धन्नों" सड़क किनारे खड़ी की और बताया , फिलहाल मैं बोत्सवाना में हूं. यह एक बहुत ही खूबसूरत सा देश है. इस देश में लगभग 1 लाख 30 हजार हाथी हैं. और दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा है. एक तरफ यहां पूरा रेगिस्तान है, दूसरी तरफ खुशहाली और हीरे हैं."  

विश्व साइकिल दिवस पर संदेश देते हुए उन्होंने कहा, आज 3 जून को इस साइकिल बाबा की तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं. हफ्ते में अगर आप 30 मिनट भी साइकिल चलाते हो तो आपको हार्ट अटैक का चांस 50% कम हो जाता है. स्वस्थ तो रहोगे ही अपने पर्यावरण को भी बचाओगे. साइकिल चला कर पर्यावरण बचाने के यज्ञ में अपनी छोटी सी आहूती आप डाल सकते हो. अगर आप 10 किलोमीटर भी साइकिल चलाते हो तो उस 10 किलोमीटर का पेट्रोल तो जरूर बचेगा. मैं आपसे अपील करता हूं कि इस धरती को बचाओगे तभी तो जी पाओगे, तभी तो अगली पीढ़ी जी पाएगी."

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पेशे से डॉक्टर साइकिल बाबा ने हरियाणा के फतेहाबाद के भुना से हैं. अपनी बीवी की मौत के बाद उन्होंने साइकिल से विश्व यात्रा की योजना बनाई और पर्यावरण बचाने का संदेश देने की ठानी. साइकिल बाबा कहते हैं, "मैं अभी तक करीब 70 देशों की मैं साइकिल से यात्रा कर चुका हूं, ये करीब 75,000 किलोमीटर की राइड थी. अभी तक एक लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं और करीब 1200 स्कूल-कॉलेज में विजट कर मैं सेमिनार कर चुका हूं " 

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दुनिया में जब कोरोना वायरस महामारी आई तब भी वो कई महीनों तक साइकिल का सफर करते रहे, लेकिन फिर जब जगह-जगह लॉकडाउन लगने लगे तो एक दिन एयर-इंडिया की फ्लाइट से उन्हें कुछ समय के लिए भारत भी वापस लौटना पड़ा, लेकिन कोरोनावायरस  डॉ राज के साइकिल से विश्व यात्रा के इरादे का जोश ठंडा नहीं कर पाया. जैसे ही मौका मिला वो फिर निकल पड़े अपनी धन्नो के साथ.

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साइकिल बाबा कहते हैं, " यात्रा के दौरान बहुत से उतार-चढ़ाव रहे, मैं लॉकडाउन में नीदरलैंड में फंस गया था, फिर वापस भारत जाना पड़ा. लेकिन फिर मैं वहां से इजिप्ट की ओर निकल पड़ा और फिर मुझे भी कोरोनावायरस संक्रमण हो गया."

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डॉ राज साइकिल यात्रा के दौरान आने वाली मुश्किलों को सफर का हिस्सा बताते हैं, उन्होंने कहा, " ये तो सफर का हिस्सा है जनाब, साइकिल यात्रा के साथ-साथ जब आप लोगों तक अपना संदेश पहुंचाते हो, और जब लोग आपकी बात सुनते हैं तो आपकी थकावट दूर हो जाती है, और आप दोबारा से ऊर्जा से भर जाते हो. व्हील्स फॉर ग्रीन नाम का संदेश मुझे पूरी दुनिया तक पहुंचाना है.