अमेरिका के H-1B वीजा में हुए बदलाव भारतीय छात्रों के लिए क्यों है 'गुड न्यूज', पढ़ें इससे जुड़ी हर एक बात

H-1B वीजा के नए नियमों के मुताबिक अब अमेरिका में स्पेशलिटी ऑक्यूपेशन की परिभाषा में भी बदलाव किए गए हैं. इसके साथ ही साथ कई और नियमों में अहम बदलाव को मंजूरी दी गई है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अमेरिका ने एच-1बी वीजा के नियमों में बदलाव किया
नई दिल्ली:

अमेरिका में H-1B जारी करने वाले संस्थान यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज यानी USCIS ने इन वीजा नियमों में बड़े बदलाव करने का ऐलान किया है. आपको बता दें कि अमरिका में स्किल विदेशी वर्कर्स को आईटी और फाइनेंस जैसे सेक्टर्स में नौकरी देने के लिए H-1B वीजा प्रोग्राम चलाया जाता है. कहा जा रहा है कि अब इस वीजा नियमों में किए गए बदलाव से कंपनियों और वर्कर्स दोनों को ही फायदा होगा. यानी अब पहले की तुलना में H-1B वीजा लेना ज्यादा आसान होने वाला है. खास बात ये है कि H-1B वीजा नियमों में हुए बदलाव पर भारतीय नागरिकों की नजर भी रहती है. ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि उन्हें इस वीजा से फायदा अधिक मिलता है. 


किन्हें मिलता है ये H-1B वीजा

आपको बता दें कि अमेरिका हर साल 65 हजार H-1B वीजा जारी करता है. साथ ही इसके अलावा 20 हजार अतिरिक्त वीजा भी जारी किए जाते हैं. ये वीजा उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने अमेरिका की यूनिवर्सिटी से डिग्री ली है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि जो भारतीय छात्र अभी तक अमेरिका की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें अब पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी मिलने में और आसानी होने वाली है. 


H-1B वीजा में क्या कुछ किए गए हैं बदलाव? 

नए नियम के मुताबिक अब प्रायर डेफरेंस की पॉलिसी को लागू कर दिया गया है. यानी पहले H-1B वीजा एक्सटेंड कराने के लिए लोगों को पूरी प्रक्रिया का फिर से पालन करना पड़ता था लेकिन अब नए नियम के मुताबिक ऐसा नहीं होगा. और वह प्रायर डेफरेंस पॉलिसी के तहत पहले से जिसके पास वीजा है उन्हें जल्दी से एक्सटेंशन दे दिया जाएगा. आपको बता दें कि ट्रंप सरकार के पिछले कार्याकल के दौरान इस पॉलिसी को खत्म कर दिया गय था. जिस वजह से वीजा मिलने में खासा वक्त लग रहा था. 

Advertisement


नौकरी लेने के लिए भी अब नियमों में बदलाव किया गया है

H-1B वीजा के नए नियमों के मुताबिक अब अमेरिका में स्पेशलिटी ऑक्यूपेशन की परिभाषा में भी बदलाव किए गए हैं. ये वीजा उन लोगों को ही दिया जाता था जो स्पेशलिटी ऑक्यूपेशन की कैटिगरी में आते थे.  इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि ये वीजा उन लोगों को भी दिया जाता था जिस काम को करने के लिए देश में वर्कर नहीं थे. अब इस कैटेगरी में भी बदला किया गया है, अब जॉब के लिए डिग्री का उसी फील्ड से सीधे तौर पर जुड़ा होना बेहद जरूरी है. 

Advertisement


F-1  स्टूडेंट वीजा एक्सटेंशन भी मिलेगा 

नए नियम के तहत अब अगर कोई अमेरिका में F-1 स्टूडेंट वीजा पर है और उसे H-1B वीजा के लिए आवेदन करना पड़ रहा है  तो उसके स्टूडेंट वीजा की वैलिडिटी अपने आप बढ़ जाएगी. H-1B वीजा प्रोसेस जब तक चलेगा तब तक स्टूडेंट वीजा एक्सपायर नहीं होगा.   

Advertisement

लॉटरी सिस्टम में भी किया गया है सुधार

H-1B वीजा का अमेरिका में वितरण  लॉटरी सिस्टम की मदद से किया जाता है. अब इस सिस्टम में भी सुधार किया गया है. नए नियमों के मुताबिक अब से डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन को रोका गया है. इसे रोकने के पीछे तर्क ये दिया गया है कि ऐसा करने से ये सिस्टम और ज्यादा पारदर्शी बनेगा. आपको बता दें कि अमेरिका में H-1B वीजा की मांग सबसे ज्यादा रही है. यही वजह है कि सरकार को इसे लेकर लॉटरी सिस्टम को लाना पड़ा है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Pallavi Patel ने Ashish Patel पर क्या लगाए आरोप? CM Yogi से की ये मांग
Topics mentioned in this article