- काठमांडू में अराजकता को नियंत्रित करने के लिए सेना ने कर्फ्यू जैसे हालात लागू कर पूरे शहर में कार्रवाई की.
- प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, संसद, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय में आगजनी की.
- पूर्व चीफ जस्टिस सुशील कार्की को जेनजी आंदोलन ने सेना से बातचीत के लिए अपना प्रतिनिधि चुन लिया.
नेपाल की राजधानी काठमांडू में दो दिनों से जारी अराजकता को शांत करने के लिए सेना की तरफ से रात भर की गई कार्रवाई की गई. इसके बाद बुधवार को सैनिकों को कर्फ्यू जैसे हालात लागू करने का आदेश दिया गया. मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, संसद, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री ऑफिस तक को आग लगा दी. इस बीच प्रदर्शन के तीसरे दिन यानी बुधवार को एक अहम घटनाक्रम हुआ. प्रदर्शनकारियों ने कई घंटों की मीटिंग के बाद पूर्व चीफ जस्टिस सुशील कार्की को सेना से बातचीत के लिए अपना नेता चुना.
कार्की का नाम सबसे आगे
नेपाल में तीसरे दिन जेनजी और सेना के बीच बातचीत जारी रही.नेपाल में अंतरिम सरकार का मुखिया कौन बनेगा, इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. जेन की मैराथन मीटिेंग में बालेन शाह, हरका सम्पांग और सुशीला कार्की का नाम रेस में सबसे आगे रहा. आइए आपको बताते हैं कि ये तीनों कौन हैं-
सुशीला कार्की
सुशीला कार्की को जेन जी ने अपना प्रतिनिधि चुना है. आंदोलन में शामिल नेताओं ने आगे की बातचीत के लिए सुशीला कार्की को प्राथिमकता दी. जेन जी के नेता आंदोलन की बागडोर किसी भी ऐसे शख्स को न सौंपने की बात थी जो राजनीति से जुड़ा हो. ऐसे में सुशीला कार्की जो किसी भी दल से दूर हैं, के नाम पर सहमति बनी. पूर्व मुख्य न्यायाधीश सेना से बातचीत के लिए युवाओं का प्रतिनिधित्व करेंगी. 7 जून, 1952 को विराटनगर में जन्मी, उन्होंने वकालत और कानूनी सुधार के क्षेत्र में अपना करियर शुरू करने से पहले सुशीला कार्की ने पॉलिटिकल साइंस और कानून में डिग्री हासिल की.
बालेन शाह
नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के कुछ ही मिनटों बाद, काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह, जिन्हें बलेन के नाम से भी जाना जाता है, ने जेन जी से संयम बरतने की अपील की. एक फेसबुक पोस्ट में, मेयर शाह ने स्वीकार किया कि प्रदर्शन पूरी तरह से जेन जी का आंदोलन है. एक रैपर और कर्नाटक के बेलगावी में विश्वैसरैया टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बालेन काठमांडू के पहले निर्दलीय मेयर हैं. 35 साल के बालेन युवाओं के बीच में काफी लोकप्रिय हैं.
हरका सम्पांग
कुछ प्रदर्शनकारियों ने हरका सम्पांग के नाम पर भी रजामंदी जताई है. हरका, धरान के मेयर हैं और उन्हें धरान में कई विकास पहलों के लिए जाना जाता है. हरका नए नेतृत्व के बारे में कह चुके हैं कि देश के बारे में फैसला सिर्फ काठमांडू में ही नहीं लिए जाने चाहिए. हरका जिस धरान के मेयर हैं उसे विद्रोही शहर की छवि हासिल है. साल 2022 में उन्हें मेयर चुना गया था. इस साल सम्पांग ने धरान में 'हरका संपांग: एक रेवोल्यूशन टीम' शुरू करने की अपनी योजना के बारे में बात की थी.