काठमांडू में अराजकता को नियंत्रित करने के लिए सेना ने कर्फ्यू जैसे हालात लागू कर पूरे शहर में कार्रवाई की. प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, संसद, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय में आगजनी की. पूर्व चीफ जस्टिस सुशील कार्की को जेनजी आंदोलन ने सेना से बातचीत के लिए अपना प्रतिनिधि चुन लिया.