रूस के केमिकल वेपन एक्सपर्ट लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरीलोव की हत्या के मामले में जांच एजेंसी ने अखमद कुर्बानोव नाम के एक संदिग्घ को हिरासत में लिया है. जांच एजेंसी ने कुर्बानोव को हिरासत में लेने के बाद मॉस्को की एक अदालत में पेश किया है जहां से उसे दो महीने की लिए प्री-ट्रायल हिरासत में भेजने का आदेश जारी किया गया है. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार आरोपी कुर्बानोव मूल रूप से उज्बेकिस्तान का रहने वाला है. रूस ने कुर्बानोव पर इस आतंकी घटना में शामिल होने का आरोप लगाया है.
रूस की जांच एजेंसी ने कुर्बानोव को हिरासत में लेने की जानकारी देते हुए कहा कि हमने बीते दिनों मॉस्को में हुए धमाके के सिलसिले में एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है. अभी तक की पूछताछ में आरोपी ने ये कूबला है कि उसने यूक्रेन की एसबीयू सुरक्षा सेवा के निर्देश पर मॉस्को में बम लगाने और विस्फोट करने में उनकी मदद की है.
बीते दिनों रूसी मीडिया में छपी खबरों के अनुसार बीते मंगलवार को मॉस्को में यूक्रेन ने जिस बम धमाके को अंजाम दिया गया था उसकी योजना काफी पहले से बनाई जा रही थी. रूसी जांच एजेंसी की छानबीन में पता चला था कि रूसी लेफ्टिनेंट जनरल की हत्या के लिए जिस बम का इस्तेमाल किया गया था, उसे रिमोट कंट्रोल की मदद से एक्टिव किया गया था. यूक्रेन ने इस बम को रूसी जनरल के घर के बाहर एक स्कूटर में प्लांट किया था. लेफ्टिनेंट जनरल किरीलोव जैसे ही सुबह की सैर के लिए बाहर निकले तो इस बम को एक्टिव कर दिया गया था. इस धमाके में रूस के लेफ्टिनेंट जनरल किरीलोव की मौत हो गई थी. धमाका इतना दमदार था कि इसका असर आसपास की इमारतों पर भी दिखा है. कई इमारतों की खिड़कियां टूट गई हैं तो कई जगहों पर दीवारें टूट गई थी.
2022 के बाद सबसे बड़े रूसी अधिकारी की हत्या
रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में शुरू हुए युद्ध के बाद यह पहला मौका है कि रूस के अंदर किसी इतने बड़े रैंक के सैन्य अधिकारी की हत्या की गई हो. यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी (एसबीयू) से जुड़े सूत्रों के अनुसार किरीलोव उनके निशाने पर लंबे समय से थे. यूक्रेन ने रूसी जनरल की हत्या को लेकर कहा है कि किरीलोव 'प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों' के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के लिए जिम्मेदार थे. यूक्रेन के एसबीयू सुरक्षा सेवा से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि रूस ने जनरल के नेतृत्व में पांच हजार के करीब रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि, रूस ने इन तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.