कौन है नूर वली महसूद, कैसे बना पाकिस्तान का जानी-दुश्मन, काबुल हमले में पाक तालिबान कमांडर क्यों था निशाना?

Who is Noor Wali Mehsud: पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में कथित तौर पर TTP चीफ नूर वली महसूद की कार और गेस्टहाउस को निशाना बनाया है. लेकिन हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं.

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Kabul attack
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  • काबुल में दो बड़े विस्फोट हुए, जिनमें पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने कथित तौर पर TTP ठिकानों पर हवाई हमला किया
  • पाकिस्तान ने TTP चीफ नूर वली महसूद की कार और गेस्टहाउस को निशाना बनाकर काबुल में हमला किया था- रिपोर्ट
  • तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि विस्फोट में किसी के घायल होने या नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली
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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार देर रात दो बड़े धमाकों से दहल उठी. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह विस्फोट काबुल के अब्दुल हक स्क्वायर के पास हुआ, जहां एक लैंड क्रूजर गाड़ी को निशाना बनाया गया. अपुष्ट खबरों में कहा गया है कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने शहर के अंदर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी TTP के ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमला किया था. इसमें पाकिस्तान ने काबुल में TTP चीफ नूर वली महसूद की कार और गेस्टहाउस को निशाना बनाया गया. तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि विस्फोट में किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है. नूर वली महसूद ने भी ऑडियो जारी करके कहा कि वो पूरी तरह सुरक्षित है. 

खास बात यह भी है कि पाकिस्तान ने काबुल पर उस समय हमला किया है, जब तालिबान सरकार के विदेश मंत्री भारत दौरे पर आए हुए हैं. लेकिन ये TTP चीफ नूर वली महसूद कौन है, जिसके खून का प्यासा पाकिस्तान हो गया है.

कौन है नूर वली महसूद?

नूर वली का जन्म पाकिस्तान के दक्षिण वजीरिस्तान में हुआ और वह महसूद जनजाति से आता है. वह अपनी आस्था में कट्टर है और उसने देवबंदी मदरसों में पढ़ाई की है. कम उम्र में ही वो जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम में शामिल हो गया. जब अमेरिका पर अलकायदा ने 9/11 का हमला किया तो दुनिया को देखने का उसका नजरिया और कठोर हो गया. तब अमेरिका के साथ जब पाकिस्तान का गठबंधन सामने आया तो नूर वली ने उसे पाकिस्तान का इस्लाम के खिलाफ विश्वासघात माना. उसने अफगानिस्तान के तालिबान को इस्लाम और पश्तून सम्मान का असली रक्षक माना.

2007 में बैतुल्ला महसूद ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान बनाने के लिए कई आतंकवादी समूहों को एकजुट किया. नूर वली उनके सबसे भरोसेमंद कमांडर में से एक बन गया. इस नए संगठन ने पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करने और "काफिरों की सेवा करने" के लिए सेना को सजा देने की कसम खाई. जल्द ही TTP ने पाकिस्तान के अंदर कई बड़े हमले करने शुरू कर दिए. जब 2018 में मुल्ला फजलुल्लाह मारा गया, तो नूर वली ने TTP चीफ का पद संभाला. अब इसने TTP को पहले से कहीं मजबूत बना दिया है.

2020 में नूर वली महसूद को अल-कायदा से जुड़ी संस्थाओं की ओर से और उनके समर्थन में फंडिंग करने, योजना बनाने और हमलों में भाग लेने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित कर दिया था.

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