- गजाला हाशमी पहली मुस्लिम और दक्षिण एशियाई मूल की महिला हैं जो वर्जीनिया की लेफ्टिनेंट गवर्नर बनी हैं
- गजाला हाशमी का जन्म 1964 में हैदराबाद में हुआ था और वे चार वर्ष की उम्र में अमेरिका आ गईं थीं
- गजाला ने 2019 में राजनीतिक शुरुआत की और रिपब्लिकन उम्मीदवार को हराकर डेमोक्रेट्स को सीनेट में बहुमत दिलाया था
अमेरिका में गजाला हाशमी और जोहरान ममदानी की जीत की चर्चा भारत में भी काफी हो रही है. ये दोनों ही भारतीय मूल के हैं, जिन्होंने अमेरिका में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. ऐसी पहचान कि आज अमेरिका के लोगों ने उन्हें अपना नेता चुका है. 61 वर्षीय डेमोक्रेट नेता गजाला हाशमी अमेरिका के वर्जीनिया प्रांत में लेफ्टिनेंट गवर्नर चुनी गई हैं. ये जीत इसलिए भी खास है, क्योंकि राज्य के इस शीर्ष पद पर पहुंचने वालीं गजाला हाशमी पहली मुस्लिम और दक्षिण एशियाई मूल की महिला हैं. गजाला हाशमी का जन्म हैदराबाद में हुआ था और वह बचपन में ही अमेरिका आ गई थीं.
4 साल की उम्र में आई अमेरिका
गजाला हाशमी ने लेफ्टिनेंट गवर्नर पद के चुनाव में रिपबल्किन पार्टी के नेता जॉन रीड को बड़े अंतर से हराया है. वर्जीनिया में मंगलवार को मतदान हुआ था. इस जीत पर उन्हें लगातारबधाई संदेश मिल रहे हैं. 1964 में हैदराबाद में जिया हाशमी और तनवीर हाशमी के घर गजाला का जन्म हुआ था. शुरुआती कुछ साल गजाला अपने नाना के घर मालकपेट में रहीं. गजाला जब सिर्फ 4 साल की थी, तभी अपने बड़े भाई के साथ अमेरिका आ गई थीं. इन दिनों तनवीर हाशमी जॉर्जिया में इंटरनेशनल रिलेशन में पीएचडी कर रहे थे. तनवीर हाशमी ने अपने बच्चों को यहीं पढ़ाया.
गजाला के पिता का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से गहरा संबंध
तनवीर हाशमी का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से गहरा संबंध रहा. उन्होंने एमए और एलएलबी की डिग्री यहीं से हासिल की थी. इसके बाद वह पीएचडी की डिग्री हासिल करने के लिए साउथ कैरोलिना विश्वविद्यालय आ गए. इसके तुरंत बाद विश्वविद्यालय में पढ़ाने लगे. कुछ समय बाद तनवीर हाशमी ने इंटरनेशनल एजुकेशन सेंटर की स्थापना की, जिसके निदेशक पद से वह सेवानिवृत्त हुए.
ऐतिहासिक जीत से राजनीति में एंट्री
जॉर्जिया सदर्न यूनिवर्सिटी से गाजाला हाशमी ने बीए और अटलांटा स्थित एमोरी यूनिवर्सिटी से अमेरिकी साहित्य में पीएचडी किया. गाजाला ने अजहर रफीक से शादी की और उनकी दो बेटियां हैं. साल 1991 में गजाला अपने पति के साथ रिचमंड में आकर रहने लगी थीं. गजाला ने लगभग 30 साल तक प्रोफेसर के रूप में छात्रों को पढ़ाया. गजाला की राजनीतिक यात्रा 2019 में शुरू हुआ था. उन्होंने एक रिपब्लिकन उम्मीदवार को हराकर वर्षों बाद पहली बार डेमोक्रेट्स को सीनेट में बहुमत दिलाने में मदद की थी. इसके बाद गजाला ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. गजाला की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें 2024 में प्रभावशाली सीनेट शिक्षा और स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
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