- डोनाल्ड ट्रंप ने जॉर्ज सोरोस पर अमेरिकी विरोध प्रदर्शनों को वित्तपोषित करने का आरोप लगाया है.
- ट्रंप ने सोरोस और उनके परिवार के खिलाफ रीको अधिनियम के तहत जांच और कार्रवाई का संकेत दिया है.
- सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन ने विरोध प्रदर्शन फंडिंग के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है.
ट्रंप ने एक बार फिर अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस (George Soros) की गतिविधियों को संदेहास्पद माना है. उन्होंने दावा किया कि यूएस में हो रहे विरोध प्रदर्शन को वह फंड मुहैया कराते हैं. यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने उन पर 'रीको' यानी 'रैकेटियर इन्फ्लुएंस्ड एंड करप्ट ऑर्गेनाइजेशंस' एक्ट के तहत कार्रवाई का संकेत दिया है. सोरोस के एनजीओ 'ओपन सोसाइटी फाउंडेशन' ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
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जॉर्ज सोरोस के खिलाफ धोखाधड़ी की जांच
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया कि उनका प्रशासन जॉर्ज सोरोस या उनके परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी की जांच कर सकता है. उन्होंने 'डेमोक्रेटिक मेगाडोनर' पर विरोध प्रदर्शनों को वित्तपोषित करने का आरोप लगाया. शुक्रवार को फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा ,'हम सोरोस की जांच करेंगे, क्योंकि मुझे लगता है कि यह उनके और अन्य लोगों के खिलाफ रीको का मामला है, यह सिर्फ विरोध प्रदर्शन नहीं है, बल्कि उससे बढ़कर है.'
सोरस और उनके बेटे को ट्रंप की चेतावनी
पिछले महीने ट्रुथ सोशल पोस्ट में ट्रंप ने इसी तरह की बात कही थी. उन्होंने सोरोस और उनके बेटे को चेतावनी देते हुए कहा था कि सरकार "आप पर नजर रख रही है. इतना ही नहीं, उन्होंने पिता-पुत्र की जोड़ी को 'साइकोपैथ का गुट' नाम दिया था.
ट्रंप वाशिंगटन डीसी के एक रेस्त्रां गए थे, जहां उनके विरोध में प्रदर्शन किया गया. ट्रंप का दावा है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के बड़े डोनर (दानदाता) सोरोस ने इस कार्रवाई के लिए धन मुहैया कराया होगा. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोरोस ने 2020 से अब तक डेमोक्रेट्स को करोड़ों डॉलर का दान दिया है. 2025 में ही वो 'प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम' से नवाजे गए थे.
सोरस के NGO ने किया फंडिंग से इनकार
दूसरी ओर, सोरोस के एनजीओ, ओपन सोसाइटी फाउंडेशन ने इन आरोपों को खारिज किया है. इससे पहले भी उसने अगस्त में कहा था, "हम लोगों को विरोध प्रदर्शन करने के लिए पैसे नहीं देते, न ही प्रदर्शनकारियों को सीधे तौर पर प्रशिक्षित या इकट्ठा करते हैं."
बता दें कि रीको अधिनियम के तहत आरोप आमतौर पर संगठित आपराधिक गतिविधियों, जैसे अवैध सट्टेबाजी और ऋण वसूली के लिए लगाए जाते हैं. आरोप सिद्ध होने पर जेल की सजा हो सकती है या फिर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.