प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार यानी कि आज अबू धाबी में पहले हिंदू मंदर (Abu Dhabi's First Hindu Temple) का उद्घाटन करेंगे. शाम 5-6 बजे के बीच मंदिर उद्घाटन का कार्यक्रम है. 14 फरवरी यानी कि आज उद्घाटन के बाद बीएपीएस मंदिर आम लोगों के लिए 18 फरवरी से खोल दिया जाएगा. बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) हिंदू मंदिर, संयुक्त अरब अमीरात में पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर है. इस मंदिर की चर्चा काफी दिनों से हो रही है. दिसंबर 2023 में बीएपीएस स्वामी ईश्वरचरणदास ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर उनको निमंत्रण सौंपा था, जिसे पीएम मोदी ने विनम्रतापूर्वक स्वीकार भी किया था. उन्होंने इस ऐतिहासिक मंदिर के लिए अपना उत्साहपूर्ण समर्थन भी जताया था.
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अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर की क्या है ख़ासियत
इस मंदिर को करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक साढ़े 13 एकड़ इलाके में मंदिर बनाया गया है तो वहीं बारी बचे साढ़े 13 एकड़ जमीन पर पार्किंग एरिया बनाया गया है. मंदिर का निर्माण कार्य 2019 से चल रहा है. संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने बीएपीएस मंदिर के लिए जमीन दान की है. दरअसल UAE में तीन अन्य हिंदू मंदिर हैं, जो दुबई में मौजूद हैं, लेकिन अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर बनाया जा रहा है. बीएपीएस मंदिर पत्थर की वास्तुकला के साथ एक बड़े इलाके में फैला खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा मंदिर होगा.
700 करोड़ रुपए में बना अबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर
बीएपीएस मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख ज़ायद हाईवे पर बनाया गया है. इस मंदिर के निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपए ख़र्च किए गए हैं. मंदिर को बनाने में करीब 18 लाख ईंटों का इस्तेमाल किया गया है. मंदिर की भव्यता को और बढ़ाने के लिए इसमें संगमरमर का प्रयोग किया गया है. भगवान स्वामीनारायण को समर्पित इस मंदिर का निर्माण BAPS नामक संस्था ने करवाया है. BAPS का मतलब: बोचानवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था है.
मंदिर में नक्काशीदार पत्थरों का इस्तेमाल
मंदिर की भव्यता का अंदाजा सामने आई इसकी तस्वीरों से लगाया जा सकता है. नक्काशी कर तराशे गए पत्थरों का उपयोग मंदिर बनाने में किया गया है, जिन पर देवी-देवताओं की प्रतिमाएं उकेरी गई हैं. इस मंदिर को बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है. बीएपीएस मंदिर बहुत ही भव्य और विशाल है, इसमें दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की झलक देखने को मिल रही है.