भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त जुर्माने की घोषणा के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (अमेरिकी समय) को कहा कि वाशिंगटन और नई दिल्ली के साथ अभी भी व्यापार वार्ता जारी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका पर उच्च टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है.
न्यूज एजेंसी ANI ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से सवाल किया कि क्या अमेरिका टैरिफ के मोर्चे पर भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है. इसपर ट्रंप ने कहा, "हम अभी उनसे बात कर रहे हैं. हम देखेंगे कि क्या होता है. फिर से बता दूं, भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ वाला देश था, सबसे ज्यादा, 100 प्वाइंट, 150 प्वाइंट या प्रतिशत में से एक. इसलिए भारत दुनिया में सबसे ऊंचे (टैरिफ लगाने वालों में) में से एक था. उसने 175 प्रतिशत और उससे भी अधिक (लगाया) था."
उन्होंने भारत के साथ अमेरिका के व्यापार घाटे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "मित्र" बताते हुए भारत-अमेरिका संबंधों पर जोर दिया. उन्होंने आगे कहा कि डेडलाइन से पहले भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता होता है या अमेरिका भारत पर एक निश्चित टैरिफ लगाए रखता है, दोनों से "बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता".
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "जैसा कि आप जानते हैं, प्रधान मंत्री मोदी मेरे मित्र हैं, लेकिन वे हमारे साथ व्यापार के मामले में बहुत अधिक व्यापार नहीं करते हैं. वे हमें बहुत कुछ बेचते हैं, लेकिन हम उनसे नहीं खरीदते हैं. आप जानते हैं क्यों? क्योंकि टैरिफ बहुत अधिक है. उनके पास दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ में से एक है. अब वे इसमें काफी कटौती करने को तैयार हैं. लेकिन हम देखेंगे कि क्या होता है. हम अभी भारत से बात कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "हम देखेंगे कि क्या होता है. इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि दोनों के बीच डील हुई है या हम उनसे एक निश्चित टैरिफ वसूलते हैं. लेकिन आपको इस सप्ताह के अंत में पता चल जाएगा. 1 अगस्त इस देश के लिए बहुत बड़ा दिन है क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका में पैसा आने वाला है, जैसा हमने पहले कभी नहीं देखा है."
उन्होंने यह टिप्पणी व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की, जो कांग्रेस के एक विधेयक पर हस्ताक्षर के अवसर पर आयोजित की गई थी. गौरतलब है कि इससे पहले ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर ऐलान किया कि रूसी तेल खरीदने पर जुर्माने के अलावा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा. उन्होंने आगे कहा, टैरिफ 1 अगस्त से लगाए जाएंगे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर लगाए गए जुर्मानों की एक और वजह बतानी चाही. उन्होंने नई दिल्ली को ब्रिक्स समूह का हिस्सा बताया और गठबंधन को "संयुक्त राज्य अमेरिका विरोधी" कहा. उन्होंने आगे गठबंधन पर "डॉलर पर हमले" का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, "हम अभी बातचीत कर रहे हैं, और यह ब्रिक्स भी (वजह) है. उनके पास ब्रिक्स है, जो मूल रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका विरोधी देशों का एक समूह है, और भारत इसका सदस्य है, यदि आप इस पर विश्वास कर सकते हैं. यह डॉलर पर हमला है, और हम किसी को भी डॉलर पर हमला नहीं करने देंगे. यह (वजह) आंशिक रूप से ब्रिक्स है, और यह आंशिक रूप से व्यापार है. यह व्यापार की स्थिति घाटे की है. हमारे पास जबरदस्त घाटा था."
उन्होंने भारत के साथ अमेरिका के व्यापार घाटे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "मित्र" बताते हुए भारत-अमेरिका संबंधों पर जोर दिया. उन्होंने आगे कहा कि डेडलाइन से पहले भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता होता है या अमेरिका भारत पर एक निश्चित टैरिफ लगाए रखता है, दोनों से "बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता".
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "जैसा कि आप जानते हैं, प्रधान मंत्री मोदी मेरे मित्र हैं, लेकिन वे हमारे साथ व्यापार के मामले में बहुत अधिक व्यापार नहीं करते हैं. वे हमें बहुत कुछ बेचते हैं, लेकिन हम उनसे नहीं खरीदते हैं. आप जानते हैं क्यों? क्योंकि टैरिफ बहुत अधिक है. उनके पास दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ में से एक है. अब वे इसमें काफी कटौती करने को तैयार हैं. लेकिन हम देखेंगे कि क्या होता है. हम अभी भारत से बात कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "हम देखेंगे कि क्या होता है. इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि दोनों के बीच डील हुई है या हम उनसे एक निश्चित टैरिफ वसूलते हैं. लेकिन आपको इस सप्ताह के अंत में पता चल जाएगा. 1 अगस्त इस देश के लिए बहुत बड़ा दिन है क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका में पैसा आने वाला है, जैसा हमने पहले कभी नहीं देखा है."