राजनयिकों को लेकर भारत के साथ विवाद में अमेरिका ने किया कनाडा का समर्थन

कनाडा ने इस साल जून महीने में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के हाथ होने का आरोप लगाया. भारत ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था.

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कनाडा ने 41 राजनयिकों को भारत से बुला लिया गया है...
वाशिंगटन:

भारत और कनाडा (US Canada Dispute) के बीच जारी राजनयिक संकट में अब अमेरिका भी कूद पड़ा है. अमेरिका ने कनाडा के राजनयिकों के भारत छोड़ने पर चिंता व्‍यक्‍त की है. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्‍जर की हत्या पर विवाद के बीच इस सप्ताह की शुरुआत में ओटावा द्वारा 41 राजनयिकों को भारत से बुला लिया गया. इसके बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने शुक्रवार को भारत से आग्रह किया कि वह कनाडा पर देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने पर जोर न दे.

रॉयटर की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति को काफी कम करने की कनाडा सरकार की मांग के जवाब में, हम कनाडा के राजनयिकों के भारत से चले जाने से चिंतित हैं. "कनाडा ने इस साल जून महीने में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के हाथ होने का आरोप लगाया. भारत ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था.

भारत का कदम 'वियना संधि' के प्रावधानों के अनुरूप
भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों की देश से वापसी को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में ‘पेश' करने की कनाडा की कोशिशों को शुक्रवार को खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दो-तरफा राजनयिक समानता सुनिश्चित करना पूरी तरह से राजनयिक संबंधों को लेकर हुई वियना संधि के प्रावधानों के अनुरूप है. भारत की यह टिप्पणी कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली द्वारा भारत से राजनयिकों की वापसी की घोषणा के बाद आई है, जिसमें उन्होंने नई दिल्ली की कार्रवाई को ‘अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत' और राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का उल्लंघन बताया था. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि समानता लाने के भारत के निर्णय के बारे में लगभग एक महीने पहले कनाडा को अवगत कराया गया था और इसे लागू करने की तारीख 10 अक्टूबर थी, लेकिन इसे 20 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया था क्योंकि समानता लागू करने के तौर-तरीकों पर कनाडाई पक्ष से परामर्श से काम किया जा रहा था।

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भारत के कदम से दुनिया के सभी देशों को बहुत चिंतित होना चाहिए- कनाडा PM ट्रूडो
हालांकि, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को कहा कि 41 कनाडाई राजनयिकों की ‘इम्युनिटी'(राजनयिक छूट) को रद्द करने का भारत का फैसला वियना संधि का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि इससे सभी देशों को चिंतित होना चाहिए. ट्रूडो का यह बयान राजनयिकों की संख्या में समानता सुनिश्चित करने के प्रयास को कनाडा द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन के तौर पर पेश करने की कोशिश को भारत की ओर से खारिज किए जाने के कुछ घंटे के बाद आया. कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा, "यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में दुनिया के सभी देशों को बहुत चिंतित होना चाहिए. यह अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन कर कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की कथित हत्या में भारत सरकार शामिल हो सकती है के हमारे आरोपों को खारिज कर रहा है.

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ये है पूरा मामला 
इस साल जून में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप के बाद दोनों पक्षों के बीच राजनयिक तनाव पैदा गया था और पिछले महीने भारत ने कनाडा से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाने को कहा था. भारत ने साथ ही कनाडा के आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया था. इसके बाद भारत और कनाडा ने वरिष्ठ राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और ट्रैवल एडवाइजरी जारी की. निज्जर को भारत ने 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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