अमेरिका में मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किया गया. इस दौरान जॉर्जिया में कम से कम दो मतदान केंद्रों को कुछ समय के लिए इस वजह से खाली कराना पड़ा क्योंकि वहां पर फर्जी बम होने की धमकी मिली थी. इसके लिए राज्य के चुनाव अधिकारियों ने रूसी एजेंट्स को जिम्मेदार ठहराया है. इन धमकियों के कारण जॉर्जिया के फुल्टन काउंटी में दो मतदान केंद्रों को खाली कराना पड़ा था.
अधिकारियों ने बताया कि दोनों मतदान केंद्रों को कम से कम 30 मिनट के लिए खाली रखा गया था और फिर दोबारा से खोला गया था और काउंटी शाम 7 बजे की समयसीमा के बाद भी मतदान केंद्रो के समय को बढ़ाने के लिए अदालत से आदेश की मांग की है.
रिपब्लिकन जॉर्जिया के राज्य सचिव ब्रैड राफेन्सपर्गर ने कहा कि चुनाव पर बम विस्फोट की अफवाहों के पीछे रूस का हाथ है. रैफेन्सपर्गर ने कहा, "ऐसा लगता है कि वो शरारत कर रहे हैं. वो नहीं चाहते कि हमारे चुनाव सुचारू, निष्पक्ष और सटीक हों, और यदि वो हमें आपस में लड़ाने में सफल हो जाते हैं, तो वो इसे अपनी जीत मान सकते हैं."
वाशिंगटन स्थित रूसी दूतावास ने टिप्पणी के अनुरोध पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. एक बयान में एफबीआई ने कहा कि उसे कई राज्यों में मतदान केंद्रों पर बम विस्फोट की धमकियों के बारे में जानकारी है, जिनमें से कई रूसी ईमेल डोमेन से आई हैं. एफबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि चुनाव के दिन अकेले जॉर्जिया को दो दर्जन से अधिक फर्जी बम धमकियां मिलीं, जिनमें से अधिकांश फुल्टन काउंटी में हुईं.
डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस जीतने के लिए कड़ी टक्कर में हैं और अब सभी लोग जल्द से जल्द नतीजों के सामने आने का इंतजार कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप, कमला हैरिस से मुकाबले में आगे चल रहे हैं.