पुतिन के साथ साये की तरह रहते हैं ये खूंखार कमांडो, एक इशारे पर करते हैं काम तमाम

Vladimir Putin Security Force: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा बेहद कड़ी है, उनके सुरक्षा घेरे को भेदना नामुमकिन है. विदेश दौरे में उनकी ये सिक्योरिटी और भी ज्यादा टाइट हो जाती है.

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पुतिन की अभेद सिक्योरिटी
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  • रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा के लिए एक विशेष दल तैनात रहता है
  • पुतिन की सुरक्षा में रूस के नेशनल गार्ड और रशियन स्पेशल फोर्स के जवान काले सूट में रहते हैं
  • पुतिन की सिक्योरिटी में तैनात कमांडो काफी तेज तर्रार और खूंखार होते हैं, जो एक इशारे पर काम तमाम कर देते हैं
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Vladimir Putin Security:अमेरिका और रूस दुनिया की दो ऐसी बड़ी ताकतें हैं, जो हर बार एक दूसरे के सामने होती हैं. दोनों ही देशों के बीच इस तनातनी के किस्से काफी पुराने हैं. इसी बीच अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात होने जा रही है, जिस पर हर किसी की निगाहें हैं. ट्रंप ने बताया है कि 15 अगस्त को अलास्का में उनकी पुतिन के साथ बैठक होगी. इसी बीच पुतिन की सिक्योरिटी को लेकर भी लोगों में काफी दिलचस्पी है, आइए आपको बताते हैं कि पुतिन की सिक्योरिटी में कौन से जवान तैनात रहते हैं और इसे भेद पाना कितना मुश्किल है. 

पुतिन के साथ साये की तरह रहते हैं ये लोग

पुतिन दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं की लिस्ट में सबसे ऊपर आते हैं. यही वजह है कि उनकी सुरक्षा एक अभेद दीवार की तरह है, जिसे किसी भी हाल में पार नहीं किया जा सकता है. कई बार पुतिन पर हमले की रिपोर्ट्स सामने आईं, लेकिन उनका कोई बाल भी बाका नहीं कर पाया. 

  • पुतिन हमेशा अपने पर्सनल काफिले के साथ चलते हैं, जिसमें दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार और मिसाइलें भी शामिल होती हैं. 
  • पुतिन की सुरक्षा के लिए एक खास दल तैनात रहता है, जिसका काम सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रपति को सुरक्षित रखना है. इसे रूसी राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा कहा जाता है, जो FSO को रिपोर्ट करती है. 
  • पुतिन की सुरक्षा में तैनात रूस के नेशनल गार्ड या फिर रशियन स्पेशल फोर्स से होते हैं. जो हमेशा काले सूट में नजर आते हैं. 
  • पुतिन से मिलने वाले लोगों को एक उचित दूरी पर खड़ा होना होता है और प्रोटोकॉल का पालन करना होता है. 

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विदेश में कैसे होती है सिक्योरिटी?

रूस के राष्ट्रपति जब किसी विदेशी दौरे पर जाते हैं तो उनकी सिक्योरिटी को चार लेयर में तोड़ दिया जाता है. रूसी मीडिया रशिया बेयॉन्ड के मुताबिक सबसे करीबी घेरा पुतिन के पर्सनल गार्ड्स का होता है. वहीं दूसरे घेरे में वो गार्ड्स तैनात रहते हैं, जो लोगों की नजरों से छिपे रहते हैं. तीसरे घेरे में वो लोग रहते हैं जो भीड़ को कंट्रोल करता है और किसी भी संदिग्ध को राष्ट्रपति की तरफ आने से रोकता है. चौथे घेरे में शार्प स्नाइपर होते हैं, जो किसी भी हमलावर को एक शॉट में ढेर कर सकते हैं. 

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  • रशियन नेशनल गार्ड्स की सुरक्षा में पुतिन काफी सुरक्षित रहते हैं. वो उनके खाने की चीजों पर भी काफी ध्यान रखते हैं, उनके हर खाने की पहले जांच की जाती है. 
  • क्रेमलिन के अंदर किसी भी तरह के स्मार्टफोन इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, पुतिन खुद भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वो सैटेलाइट फोन का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. 
  • किसी से मुलाकात के दौरान अगर पुतिन कंफर्टेबल नहीं हैं तो वो कुछ ऐसे इशारे करते हैं, जिनसे उनके गार्ड्स को पता चल जाता है और वो तुरंत एक्शन लेते हैं. 
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