आइसलैंड के एक सक्रिय ज्वालामुखी से निकले लावा ने शनिवार को तटीय शहर ग्रिंडाविक और लोकप्रिय ब्लू लैगून जियोथर्मल स्पा की ओर जाने वाली सड़क को बुरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है. इसके बाद से अधिकारी इस मार्ग पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं. आइसलैंड से निकलने वाले इस ज्वालामुखी के लावा ने जैसे सड़क को खा ही लिया है. इतना ही नहीं इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. रेक्जोनेस प्रायद्वीप पर ड्रोन से ली गई फुटेज में इसको लगातार बढ़ते हुए देखा जा सकता है. 29 मई को हुए विस्फोट के बाद से ज्वालामुखी स्थिर हो गया था.
800 साल बाद सक्रिय हुआ ज्वालामुखी
बता दें कि यह ज्वालामुखी दिसंबर में 800 साल बाद एक बार फिर से सक्रिय हुआ था और उसके बाद से यह अब तक का पांचवा सबसे शक्तिशाली विस्फोट था. शनिवार को लावा प्रवाह की निगरानी करने वाले अधिकारियों ने कहा कि यह पिछले दो विस्फोटों के दौरान की तुलना में काफी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है. आइसलैंड विश्वविद्यालय के एक संरचनात्मक भूविज्ञानी ग्रेगरी डी पास्केल ने बताया "यह सिर्फ़ एक वेंट से निकल रहा है. ऐसा लगता है कि यह पिछले विस्फोट के समान ही वेंट है".
धीरे-धीरे आगे बढ़ता है लावा
आइसलैंड विश्वविद्यालय के पृथ्वी विज्ञान विभाग के ज्वालामुखी विज्ञानी मेलिन पेएट-क्लर्क ने कहा, "लावा धीरे-धीरे आगे बढ़ता है, आप वास्तव में उन्हें चलते हुए नहीं देखते हैं. लेकिन वे अपने आप ही ढह जाते हैं और इस तरह आगे बढ़ते हैं और कोर, भले ही यह काला दिखाई देता है लेकिन कोर अभी भी पिघला हुआ है."
पहले भी दो बार लावा की चपेट में आ चुका है यह रोड
शहर से कई किलोमीटर दूर सड़क का यही हिस्सा इस साल फरवरी और मार्च में भी लावा की चपेट में आ चुका है, और दोनों बार इसकी मरम्मत करके इसे फिर से खोल दिया गया है. शनिवार को ग्रिंडाविक को खाली करने का आदेश नहीं दिया गया क्योंकि लावा की धीमी गति के कारण इसे तत्काल खतरे में नहीं माना गया. निवासी अभी भी पूर्व और पश्चिम से मार्गों के माध्यम से शहर में प्रवेश कर सकते हैं.
ग्रिंडाविक ने कैसे ज्वालामुखी को किया प्रभावित
आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविक से लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) दक्षिण-पश्चिम में स्थित ग्रिंडाविक, नवंबर में आए भूकंपों के बाद से खतरे में है, जिसके कारण 18 दिसंबर को हुए विस्फोट से पहले ही लोगों को इस जगह को खाली करना पड़ा था. इसके बाद हुए विस्फोट ने कुछ रक्षात्मक दीवारों को ढहा दिया और कई इमारतों को नष्ट कर दिया. यह क्षेत्र स्वार्टसेंगी ज्वालामुखी प्रणाली का हिस्सा है जो लगभग 800 वर्षों तक निष्क्रिय रहा और पिछले साल दिसंबर में फिर से सक्रिय हो गया.
दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च में ज्वालामुखी फिर से फटा. 8 फरवरी को हुए विस्फोट ने एक पाइपलाइन को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे हजारों की गर्म पानी की आपूर्ति बाधित हो गई. आइसलैंड, जो उत्तरी अटलांटिक में ज्वालामुखी के एक गर्म स्थान के ऊपर स्थित है में अक्सर विस्फोट होते रहते हैं और यह उनसे निपटना भी जानता है.