यूरोप की स्पेस एजेंसी ने सूरज की सरत पर एक सांप-जैसी लपट को सरकते हुए देखा. यह घटना बड़े पैमाने पर लावा फूटने से पहले हुई. यूरोपीय स्पेस एजेंसी ( European Space Agency,ESA) ने कहा कि यह 'सांप' सूरज (Sun) के वातारवरण में मौजूद ठंडा करने वाली गैसों का है जो एक नली की तरह सूरज के चुंबकीय क्षेत्र में अपना रास्ता बना रहीं थीं. इस चौकांने वाली आकृति को 5 सितंबर को सोलर ऑर्बिटर (Solar Orbiter) ने अपने कैमरे में कैद किया था. यह सोलर ऑर्बिटर 12 अक्टूबर को सूजर के बेहद करीब उड़ने की तैयारी कर रहा था.
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, सांप के भीतर प्लाज़्मा (plasma) सूरज के चुंबकीय क्षेत्र की लंबी लपट के पीछे जा रहा है जो सूरज पर एक दिशा से दूसरी दिशा की तरफ जा रहा है."
मुलार्ड स्पेस साइंस लैब के एक वैज्ञानिक डेविड लॉन्ग, जो इस घटना की जांच कर रहे हैं, उन्होंने एक प्रेस रिलीज़ में कहा, आपको एक तरफ से दूसरी तरफ बहता प्लाज़्मा दिख रहा है लेकिन चुंबकीय क्षेत्र वाकई टेढ़ा-मेढ़ा है. इस कारण आपको इसकी दिशा में बदलाव दिख रहा है क्योंकि हम एक मुड़ी हुई आकृति की ओर देख रहे हैं."
एजेंसी के अनुसार, यह क्लिप एक टाइम लैप्स वीडियो है जो सोलर ऑर्बिटर ने ली है. एजेंसी ने आगे कहा, असल में, इस सांप को यह यात्रा पूरी करने में करीब 3 घंटे लगे, लेकिन इस बीच इसने सूर्य की सतह की लंबी दूरी दूरी पार की. इसका मतलब यही है कि यह प्लाज़्मा 170 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से यात्रा कर रहा था.
नासा के अनुसार, सौर प्लाज़्मा चुंबकीय तौर पर चार्ज हुए कणों का एक समूह होता है. जब प्लाज़मा के सूरज के सबसे बाहरी एटमॉस्फियर से और बाहर की तरफ फैलता तब यह अपने साथ किसी अन्य वस्तुओं को उड़ाने की क्षमता रखता है और इसी कारण सोलर विंड चलती हैं.
यूरोपीय एजेंसी कहती है कि "इस 'सांप' को और दिलचस्प यह बनाता है कि यह एक यह सोलर एक्टिव क्षेत्र से शुरू हुआ जहां बाद में विस्फोट हुआ. इसके कारण अंतरिक्ष में कई बिलियन टन प्लाज़मा फैल गया."
सोलर ऑर्बिटर, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का साझा अभियान है जिसे साल 2020 की फरवरी में लॉन्च किया गया था.