कई हफ्तों तक लगातार बमबारी के बाद गाजा पट्टी का उत्तरी हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है. अब इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने दक्षिणी गाजा में शहरों को घेरना शुरू कर दिया है. इजरायली वायु सेना (IAF) ने कल गाजा पट्टी में तय लक्ष्यों पर ढाई सौ से अधिक हवाई हमले किए. करीब दो महीने से यह संघर्ष जारी है.
इजरायली सेना 365 वर्ग किलोमीटर भूमि में जमीनी अभियान चला रही है. उसे हमले के लिए मर्कवा IV टैंक और वायु सेना से क्लोज एयर सपोर्ट (CAS) की मदद मिल रही है. आईडीएफ ने गाजा में अपने जमीनी और हवाई हमले का एक वीडियो जारी किया. इसमें दिख रहा है कि सैनिक कैसे ऑपरेशन कर रहे हैं, हथियार जब्त कर रहे हैं और हमास के गुर्गों द्वारा इस्तेमाल किए गए ठिकानों को साफ कर रहे हैं.
आईडीएफ ने हवाई हमलों के जरिए गाजा पट्टी पर दो रॉकेट लॉन्च पैड नष्ट कर दिए. उसने दावा किया कि लॉन्चर का इस्तेमाल कल इज़रायल पर रॉकेटों की बौछार करने के लिए किया गया था. हवाई थर्मल फुटेज में लॉन्चर से रॉकेट टकराते हुए दिखाई देते हैं.इसके बाद एक बड़ा विस्फोट होता है. आईडीएफ की ओर से साझा किए गए एक अन्य वीडियो में बलों द्वारा गाजा पट्टी में "हमास की आतंकवादी सेल्स" पर किए गए हवाई हमले के दृश्य हैं.
इज़रायल ने दावा किया है कि दीर अल-बलाह में हवाई हमलों में हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के कार्यकर्ता मारे गए. हवाई हमलों का उद्देश्य हमास के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था. इसमें जटिल सुरंग नेटवर्क और गाजा पट्टी में छुपे हुए वे स्थान जहां से हमास के कार्यकर्ता काम करते थे.
इन्फेंट्री को वायु सेकरीबी सहायता दे रही है. आर्मर यूनिट भी जमीनी हमले में मदद कर रही हैं. "कोप-केज" (ड्रोन हमलों से टैंकों की रक्षा करने वाली धातु की छत) वाले कई मर्कवा टैंक गाजा की संकरी गलियों में घुसकर किए जा रहे ऑपरेशन में शामिल हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध में साबित हुआ है कि टैंक के बुर्ज ड्रोन और मोलोटोव हमलों के प्रति कितने संवेदनशील हो सकते हैं. 'कोप-केज' सुरक्षा की एक परत के रूप में कार्य करता है, हालांकि यह अचूक नहीं है.
इमारतों और ढांचों के घने क्षेत्र में घातक शहरी युद्ध हो रहा है, जो इजरायली जमीनी सैनिकों और बख्तरबंद यूनिटों के लिए गंभीर चुनौतियां पेश कर रहा है.
एएफपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर के पास मंगलवार को इजरायली टैंक, बख्तरबंद कैरियर और बुलडोजर देखे गए. इन हालात में पहले से ही विस्थापित नागरिकों को अपना सामान समेटकर फिर से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा.
आईडीएफ द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में सेना गाजा की सड़कों पर गोलीबारी करते हुए दिख रही है. जमीनी अभियानों में होलोग्राफिक स्कोप वाली असॉल्ट राइफल्स (एआर) और लाइट मशीन गन (एलएमजी) का इस्तेमाल किया जा रहा है.
वीडियो में दिख रहा है कि सैनिक गाजा की एक सड़क पर नष्ट हुए घरों को घेरे हुए हैं. इस इलाके में कभी शहर के नागरिक रहा करते थे. सैनिक अपनी असॉल्ट राइफलों के साथ आगे बढ़ रहे हैं और दीवार में एक बड़े छेद में से इमारत में प्रवेश करते हैं. दो सैनिकों में से एक के हाथ में एलएमजी और दूसरे के हाथ में एआर है. वे गोलीबारी करते हैं. सैनिकों का एक समूह, जिनके हेलमेट पर कैमरे लगे हैं, एक इमारत में घुस जाता है.
सैनिक हमास के गुर्गों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं. वे हवाई हमलों के लिए खुफिया जानकारी वायु सेना को भेजते है. सैनिकों को कवर करने और आईडीएफ द्वारा द्वारा बताए गए लक्ष्यों पर टैंक और आर्टिलरी से बमबारी की जा रही है.
आईडीएफ ने कई वीडियो जारी कर दावा किया है कि कैसे हमास ने हथियार छिपाने के लिए अस्पतालों, स्कूलों और मस्जिदों का इस्तेमाल किया है. इज़रायल ने उत्तरी गाजा में एक स्कूल के निकट सक्रिय एक "सशस्त्र आतंकवादी सेल" और स्कूल के क्षेत्र में स्थित एक अतिरिक्त शाफ्ट पर हमला किया. आईडीएफ ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि इस स्थान से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है. एक इजरायली सैनिक एक तार उठाता है, जिसका इस्तेमाल संभवतः विस्फोट करने के लिए किया जाता है. यह उस स्कूल के एक क्लासरूम में पाया गया जो हवाई हमले में नष्ट हो गया है.
पिछले सप्ताह हमास और इजरायल के बीच संघर्ष विराम समाप्त होने के बाद ऑपरेशन फिर से शुरू हो गया है.