पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ आतंक निरोधी धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया है. उन पर उकसाने वाले भाषण देने और न्यायपालिका को अपना काम करने से रोकने का आरोप लगाया गया है. दरअसल, सत्ता से बेदखल होने के बाद वो देश के विभिन्न हिस्सों में सभाएं आयोजित कर रहे हैं और मौजूदा सरकार के खिलाफ भाषण दे रहे हैं. ऐसा करने के पीछे का मकसद देश में दोबारा चुनाव कराना है.
इमराम खान के भाषण के जो वीडियो सामने आए हैं, उसमें वो इस्लामाबाद के आईजी, डीआईजी और न्यायिक अधिकारी को भरी सभा में ललकारते दिख रहे हैं. साथ ही देश की तुलना श्रीलंका से करते दिख रहे हैं. वो कह रहे हैं कि पाकिस्तान के हालात श्रीलंका जैसी हो जाएंगे. वहां तो केवल दो करोड़ से कुछ अधिक लोग हैं, लेकिन पाकिस्तान में तो 12 करोड़ की आवाम है. उन्हें कौन रोक पाएगा. मौजूदा सरकार के वश की ये बात है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्वप्रधान मंत्री इमरान खान ने सरकार पर रविवार शाम को देश में YouTube को अस्थायी रूप से ब्लॉक करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसा इसलिए किया ताकि वो लोगों को एक राजनीतिक रैली में दिए गए उनके भाषण को लाइव सुनने से रोक सके.
हालांकि, आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक ने शनिवार की देर रात इमरान खान के भाषणों के लाइव स्ट्रीमिंग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद आरोप लगाया कि वो भाषण के दौरान देश के संस्थानों के खिलाफ "अभद्र भाषा" का प्रयोग करते हैं.
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