अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा है कि पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता कश्मीरी पत्रकार, सना इरशाद मट्टू (Pulitzer-winning Kashmiri journalist Sanna Irshad Mattoo) को कथित तौर पर अमेरिका की यात्रा से रोके जाने की खबर की जानकारी उन्हें है. सना मट्टू ने मंगलवार को कहा कि उसे IGI एयरपोर्ट पर दिल्ली से अमेरिका की यात्रा के लिए रोका गया जहां वो यह सम्मानजनक पुरस्कार लेने जा रही थीं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने अपनी दैनिक न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा, हम उन खबरों से वाकिफ हैं जिनमें मट्टू को अमेरिका यात्रा से रोके जाने का समाचार है, हम इसपर नज़दीक से नज़र रखे हुए हैं."
उन्होंने कहा, हम प्रेस की स्वतंत्रता के समर्थन के लिए प्रतिबद्ध हैं और जैसा कि मंत्री जी ने संज्ञान लिया है, हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों पर साझी प्रतिबद्धता है, जिसमें प्रेस की स्वतंत्रता के लिए सम्मान भी शामिल है. यह भारत-अमेरिका संबंधों के आधार में शामिल है."
पटेल ने एक सवाल के जवाब में कहा, "लेकिन हमारे पास और कोई विशेष जानकारी बताने को नहीं है- हम इसे नज़दीक से देख रहे हैं."
मट्टू एक फ्रीलांस फोटो पत्रकार हैं, वह रॉयटर्स की टीम का एक हिस्सा हैं जिसने भारत में कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी फीचर फोटोग्राफी के लिए पुलित्ज़र पुरस्कार जीता है. एक स्टेटमेंट में, पत्रकारों की सुरक्षा करने वाली एक कमिटी ने भारतीय अधिकारियों से यह अपील की है कि मट्टू को पुलित्ज़र पुरस्कार समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका जाने दिया जाए.
CPJ एशिया प्रोग्राम कॉर्डिनेटर, बेह लिह यी ने, जर्मनी के फ्रेंकफर्ट में कहा, इसका कोई कारण नहीं है कि क्यों एक कश्मीरी पत्रकार सना इरशाद मट्टू को, जिसके पास यात्रा के लिए सभी वैध दस्तावेज़ हैं, और जिन्होंने सबसे सम्मानजनक पत्रकारिता पुरस्कार जीता है, उसे विदेश यात्रा से रोका जाए."
बेह ने आगे कहा, "यह फैसला मनमाना और अतिवादी है. भारतीय अधिकारियों को तुरंत कश्मीर के हालात कवर कर रहे पत्रकारों का सभी तरह से उत्पीड़न और उन्हें डराया-धमकाना जाना रोकना होगा."
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