'कोविड-19 नेचुरली फैला', शीर्ष अमेरिकी वैज्ञानिक ने मानने से किया इनकार, बोले- 'खुली जांच हो'

डॉ. फाउची ने कहा, "निश्चित रूप से, जिन लोगों ने इसकी जांच की थी, उनका कहना है कि यह संभवतः एक जानवर के जलाशय से उभरा था जो तब लोगों को संक्रमित किया था, लेकिन यह कुछ और हो सकता है और हमें इसका पता लगाना होगा. मैं इसीलिए पूरी तरह से किसी भी जांच के पक्ष में हूं जो वायरस की उत्पत्ति का पता लगा सके."

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
संक्रामक रोगों पर अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची. (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:

संक्रामक रोगों पर अमेरिका (United States) के शीर्ष विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची (Dr. Anthony Fauci) ने कहा है कि वह इस बात से "आश्वस्त नहीं हैं" कि नोबल कोरोनावायरस (Coronavirus) बीमारी स्वाभाविक रूप से विकसित हुई है. उन्होंने कोविड -19 वायरस की उत्पत्ति की खुली जांच का आह्वान किया है.

एक कार्यक्रम में जब डॉ फाउची से पूछा गया कि क्या उन्हें अभी भी विश्वास है कि कोरोनावायरस स्वाभाविक रूप से विकसित हुआ है, तो उन्होंने कहा: "मैं इसके बारे में आश्वस्त नहीं हूं, मुझे लगता है कि हमें चीन में क्या हुआ, इसकी जांच तब तक जारी रखनी चाहिए जब तक कि हमें अच्छे से पता नहीं चल जाए कि आखिर चीन में क्या हुआ था." 

Fox न्यूज से बात करते हुए डॉ. फाउची ने कहा, "निश्चित रूप से, जिन लोगों ने इसकी जांच की थी, उनका कहना है कि यह संभवतः एक जानवर के जलाशय से उभरा था जो तब लोगों को संक्रमित किया था, लेकिन यह कुछ और हो सकता है और हमें इसका पता लगाना होगा. मैं इसीलिए पूरी तरह से किसी भी जांच के पक्ष में हूं जो वायरस की उत्पत्ति का पता लगा सके."

भारत में कोरोना से मौतों की तादाद 3 लाख के पार, अमेरिका और ब्राजील के बाद ऐसा तीसरा देश

जो बाइडेन प्रशासन के शीर्ष चिकित्सा सलाहकार ने ये टिप्पणी 'यूनाइटेड फैक्ट्स ऑफ अमेरिका: ए फेस्टिवल ऑफ फैक्ट-चेकिंग' इवेंट के दौरान की. 

जब उनसे स्पष्ट रूप से पूछा गया कि क्या कोविड -19 वायरस एक प्रयोगशाला में सीरियल पास नहीं हो सकता है, तो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (एनआईएआईडी) के निदेशक ने कहा कि वह पूरी तरह से आगे की किसी भी जांच के पक्ष में हैं जो चीन के पक्ष में चला गया है.

Covid-19 : भारत में कोरोना से अब तक 3 लाख मौतें, पिछले 24 घंटे में 2.2 लाख नए केस

हालांकि, उन्होंने ऐसी किसी संभावना से साफ इंकार नहीं किया. उन्होंने दोहराया कि एनआईएच और एनआईएआईडी ने स्पष्ट रूप से वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (डब्ल्यूआईवी) में किए जाने वाले फंक्शन रिसर्च के लाभ को फंड नहीं दिया है. पिछले साल डॉ फाउची ने इस सिद्धांत को काफी हद तक खारिज कर दिया था कि घातक कोविड -19 वायरस जिसके कारण दुनिया भर में 165 मिलियन से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और अब तक 35 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, आनुवंशिक रूप से  चीन के वुहान में एक प्रयोगशाला से लीक हुए थे.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra Cabinet Portfolio: महाराष्ट्र सरकार में हुआ विभागों का बंटवारा