- दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के बीच जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर तनाव बढ़ गया है
- अमेरिका ने जी20 वार्ता में भाग लेने से इनकार किया है और केवल हैंडओवर सेरेमनी में शामिल होगा
- अमेरिकी सरकार ने दक्षिण अफ्रीकी किसानों पर रंगभेद का आरोप लगाया है जिससे दोनों देशों के संबंध प्रभावित हुए हैं
जोहान्सबर्ग में शुरू हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन के पहले होस्ट देश दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के बीच तनातनी बढ़ गई है. पहले दक्षिण अफ्रीका ने घोषणा की थी कि अमेरिका ने जी20 शिखर सम्मेलन के बहिष्कार का अपना फैसला आखिरी समय पर बदल लया है. लेकिन अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने गुरुवार, 20 नवंबर को इस दावे का जोरदार खंडन किया. अमेरिका का कहना है कि वो वार्ता में तो भाग नहीं लेगा. उसके प्रतिनधि बस आखिर में आएंगे और हैंडओवर सेरेमनी में शामिल होंगे क्योंकि अगला शिखर सम्मेलन में अमेरिका में होना है.
अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में कई हफ्तों से तू-तू मैं-मैं चल रही है. अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका में गोरे अल्पसंख्यक किसानों के रंगभेद का आरोप लगाया है और इसके लिए दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर लगातार हमला किया है. अब जी20 शिखर सम्मेलन के पहले यह विवाद और गहरा गया है. व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राजदूत इस शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे, लेकिन केवल एक हैंडओवर सेरेमनी के लिए क्योंकि अमेरिका अगले साल फ्लोरिडा में ट्रंप के स्वामित्व वाले एक गोल्फ क्लब में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने पहले कहा था कि अमेरिका ने शिखर सम्मेलन में किसी न किसी रूप में भाग लेने को लेकर आखिरी समय में अपना मन बदल लिया है. रामफोसा ने कहा कि अमेरिका की ओर से यह हृदय परिवर्तन "एक पॉजिटिव संकेत" था. उन्होंने कहा, "सभी देश यहां हैं और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका को यहां रहने की जरूरत है."
रामाफोसा ने टिप्पणी इस तथ्य के बावजूद की थी कि दक्षिण अफ्रीका में मौजूद अमेरिकी दूतावास ने पहले ही नोटिस भेजकर यह बता दिया था कि वह इस शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होगा. इसमें कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीका की जी20 प्राथमिकताएं "अमेरिकी नीति विचारों के विपरीत हैं और हम आपकी अध्यक्षता में बातचीत किए गए किसी भी डॉक्यूमेंट पर आम सहमति का समर्थन नहीं कर सकते."













