अमेरिका में अश्वेत लड़के का हेयरस्टाइल स्कूल नियमों के खिलाफ, सजा मिली तो कोर्ट पहुंचा; फिर रोया

अदालत में सुनवाई से पहले छात्र जॉर्ज (US School Punishment Over Hairstyle)ने कहा, "ड्रेड लॉक्स मेरे लिए बहुत मायने रखते है. आप जानते हैं कि यह मेरी रूट से जुड़ा है, इस तरह मैं अपने लोगों और अपने पूर्वजों के करीब महसूस करता हूं."

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अमेरिका के स्कूल ने छात्र को दी हेयरस्टाइल की सजा.

अमेरिका के ह्यूस्टन में एक स्कूल ने अश्वेत लड़के को उसके हेयर स्टाइल (US Student Punishment Over Hairstyle) की वजह से दंडित किया, जिसके बाद छात्र ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, हालांकि उसे निराशा हाथ लगी है. अदालत ने छात्र के खिलाफ स्कूल की अनुशासनात्मक कार्रवाई के फैसले को बरकरार रखा है. बता दें कि 18 साल के डेरिल जॉर्ज ने अपने बालों में एक ऐसा हेयरस्टाइल कराया था, जो स्कूल के नियम के खिलाफ था. लड़ने ने हेयर लॉक्स कराए हुए थे.  लेकिन उसका ये हेयर स्टाइल स्कूल के नियमों के खिलाफ था, इसीलिए स्कूल ने उसे सजा देते हुए अगस्त में उसके क्लासमेट्स से अलग ह्यूस्टन में बारबर हिल्स हाई स्कूल के बाहर भेज दिया.

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लंबे वालों की वजह से स्कूल ने दी सजा

स्कूल का कहना है कि छात्र के बाल स्कूल के नियमों के हिसाब से नहीं है. उसके बालों की लंबाई कानों के नीचे तक है. सजा मिलने के बाद छात्र ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. डेरिल जॉर्ज के वकीलों ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि उसका हेयरस्टाइल टेक्सास क्राउन एक्ट नाम के कानून के मुताबिक है, जिसमें कहा गया है कि स्कूल डिस्ट्रिक्ट पॉलिसी "बालों की बनावट या सुरक्षित हेयरस्टाइल के खिलाफ आमतौर पर या ऐतिहासिक रूप से नस्ल से जुड़े भेदभाव नहीं कर सकती है." हालांकि इसमें बालों की लंबाई का जिक्र नहीं है.

लंबे बालों पर डेरिल जॉर्ज की सफाई

जॉर्ज के परिवार ने अदालत में स्कूल के खिलाफ मुकदमा दायर किया था. गुरुवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस चैप कैन ने कहा कि बारबर्स हिल स्कूल उस कानून के खिलाफ नहीं हैं. न्यूज रिपोर्ट से मुताबिक, कैन ने कहा, "क्राउन एक्ट अधिनियम बारबर्स हिल स्कूल के ड्रेस के उन हिस्सों और पुरुष छात्रों के बालों की लंबाई को गैरकानूनी नहीं बनाता है."

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वहीं अदालत में सुनवाई से पहले छात्र जॉर्ज ने कहा, "यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है. आप जानते हैं कि यह मेरी रूट से जुड़ा है,  इस तरह मैं अपने लोगों और अपने पूर्वजों के करीब महसूस करता हूं." लड़के ने कहा कि उसने अपना ये हेयरस्टाइल अपनों से करीबी महसूस करने के लिए रखा है. 

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"बालों की वजह से अपनी पढ़ाई नहीं कर सकता"

वहीं बारबर्स हिल हाई स्कूल ने युवाओं के साथ भेदभाव भरी नीति अपनाने से साफ इनकार कर दिया. जिसके बाद छात्र जॉर्ज के वकील, एली बुकर ने फेडरल कोर्ट में अपील करने की बात कही. जॉर्ज के परिवार की प्रवक्ता कैंडिस मैथ्यूज ने कहा कि सुनवाई के बाद लड़का रोते हुए कोर्ट रूम से बाहर चला गया. मैथ्यूज ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद "डेरिल ने आंसू भरी अपनी आंखों के साथ मुझसे कहा कि यह सब मेरे बालों की वजह से है. मैं बालों की वजह से अपनी पढ़ाई नहीं कर सकता. मैं दूसरे साथियों के साथ नहीं रह सकता और अपने स्कूल के सालों को एंजॉय नहीं कर सकता.'' 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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