आतंकवाद का समर्थन, क्राइम और ओवरस्टे... डोनाल्ड ट्रंप ने 6,000 से अधिक स्टूडेंट वीजा क्यों रद्द कर दिए?

अमेरिका में यह कदम उस समय उठाया जा रहा है जब ट्रंप सरकार ने अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी के हिस्से के रूप में स्टूडेंट वीजा के प्रति खासतौर से कठोर दृष्टिकोण अपनाया है.

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  • ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों को रोकने और कानून तोड़ने वाले छह हजार से अधिक छात्रों के वीजा रद्द किए हैं.
  • लगभग चार हजार वीजा अपराधों जैसे मारपीट, शराब पीकर ड्राइविंग और चोरी के कारण निरस्त किए गए हैं
  • आतंकवाद के समर्थन के आरोप में दो से तीन सौ छात्रों के वीजा भी रद्द किए जाने की जानकारी मिली है.
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी में कुर्सी संभालने के बाद से एक बात साफ-साफ कहा है और उसे लागू किया है– वो अवैध प्रवासियों को अमेरिका में नहीं रहने देंगे. ट्रंप के निशाने पर विदेशी मूल के वो लोग भी रहते हैं जिन्हें वो अपना विरोधी मानते हैं. अब अमेरिका के विदेश विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि ट्रंप प्रशासन (सरकार) ने मंजूरी से अधिक समय तक रुकने और कानून तोड़ने के लिए 6,000 से अधिक छात्रों के वीजा रद्द कर दिए हैं. इनमें वो छात्र भी शामिल हैं जो कथित तौर पर "आतंकवाद का समर्थन" करते हैं.

यह कदम उस समय आया है जब ट्रंप सरकार ने अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी के हिस्से के रूप में स्टूडेंट वीजा के प्रति खासतौर से कठोर दृष्टिकोण अपनाया है. अमेरिका आ रहे छात्रों के सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और उनकी व्यापक स्क्रीनिंग की जा रही है.

इन 6000 स्टूडेंट का वीजा क्यों रद्द किया गया?

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि लगभग 4,000 वीजा रद्द कर दिए गए क्योंकि उन्होंने कानून तोड़े हैं, जिनमें से अधिकांश मारपीट से जुड़े हैं. अधिकारी ने बताया कि शराब और ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाना और चोरी करना अन्य अपराध हैं.

विदेश विभाग के मैन्यूअल के तहत वीजा अयोग्यता के बारे में एक नियम का हवाला देते हुए कहा, आतंकवाद के लिए लगभग 200 से 300 वीजा रद्द कर दिए गए. अमेरिका में नियम कहता है कि "आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना" और "आतंकवादी संगठनों के साथ कुछ संबंध रखना" वीजा कैंसिल करने का आधार है.

अधिकारी ने यह नहीं बताया कि जिन छात्रों का वीजा रद्द किया गया है, वे किस समूह का समर्थन करते हैं.

गाजा युद्ध के बीच फिलिस्तीनियों के अधिकारों की वकालत करने वाले बड़े पैमाने पर छात्र विरोध प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई शीर्ष स्तर के अमेरिकी यूनिवर्सिटी को निशाने पर लया है. ट्रंप ने उन पर यहूदी विरोधी भावना का गढ़ बनने का आरोप लगाया हैच हार्वर्ड के साथ अपने टकराव में, ट्रंप ने फंडिंग रोक दी है और यूनिवर्सीट के टैक्स- फ्री स्थिति (स्ट्टेट्स) को हटाने की धमकी दी है.

वीजा रद्द होने वाले स्टूडेंट किस देश के?

विदेश विभाग ने यह नहीं बताया है कि जिन स्टूडेंट के वीजा को रद्द किया गया है, वो किस देश के हैं. इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री रुबियो ने चीन के छात्रों को निशाना बनाने में आक्रामक होने की कसम खाई थी. मार्च में अमेरिका के इस टॉप डिप्लोमेट ने मीडिया से कहा था कि वह रोजाना वीजा रद्द कर रहे हैं. उन्होंने एक्टिविस्ट छात्रों के बारे में कहा: "हर बार जब मुझे इनमें से कोई पागल मिलता है, तो मैं उनका वीजा छीन लेता हूं."

ट्रंप को लग चुका है झटका

इससे जुड़े दो सबसे चर्चित मामलों में ट्रंप प्रशासन को झटका लग चुका है.

  1. अमेरिका में कानूनी रूप से स्थायी निवासी बन चुके महमूद खलील को ट्रंप सरकार ने गिरफ्तार किया था. खलील ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीनी समर्थक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. ट्रंप प्रशासन को झटका लगा जब जून में एक जज ने खलील को आजाद कर दिया. खलील जब जेल में थे तभी उनके बेटे का जन्म हुआ था. जेल से बाहर आने के बाद खलील ने ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा दायर किया है और कहा है कि यह उन्हें "आतंकित" करने की कोशिश कर रहा है.
  2. वहीं टफ्ट्स यूनिवर्सिटी में एक तुर्की ग्रेजुएट रूमेसा ओजटर्क को भी मई में एक जज ने सुनवाई लंबित रहने तक मुक्त कर दिया था. रूमेसा ओजटर्क ने कैंपस न्यूजपेपर में इजरायल की आलोचना करते हुए एक लेख लिखा था. उसे सादे कपड़े पहने नकाबपोश एजेंट मैसाचुसेट्स की एक सड़क से उठा ले गए थे.

रुबियो ने तर्क दिया है कि ट्रंप प्रशासन को न्यायिक समीक्षा के बिना वीजा जारी करने और रद्द करने का अधिकार है और गैर-अमेरिकी नागरिकों को स्वतंत्र भाषण के अमेरिकी संवैधानिक अधिकार का आनंद नहीं मिलता है.
 

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