US Elections: ट्रंप अगर चुनाव हारे, उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया तो क्या होगा ? पुराना रिकॉर्ड देखिए

अमेरिका में इस बात की चिंता जताई जा रही है कि अगर ट्रंप कमला हैरिस से चुनाव हार जाते हैं तो उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी. क्या वह एक बार फिर से साल 2020 जैसी कोशिशें करेंगे?

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6 जनवरी, 2021 को रिपब्लिकन समर्थक बाइडेन की जीत के ऐलान को रोकने के लिए यूएस कैपिटल पर जुटे.
दिल्ली:

अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. ट्रंप और कमला हैरिस दोनों ही पूरी तरह से (US President Election 2024) तैयार हैं. पुराने रिकॉर्ड से तो यही लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कभी भी नियमों का पालन नहीं किया है. चार साल पहले उन्होंने धोखाधड़ी की बात कहते हुए राष्ट्रपति चुनाव में मिली हार को स्वीकार नहीं किया था. अब इस बात की संभावना जताई जा रही है कि इस बार भी चुनाव के बाद वह कुछ ऐसा ही कर सकते हैं.

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इस बार अंतर ये होगा कि ट्रंप के पास राष्ट्रपति पद की शक्तियां नहीं होगी, जैसे कि उनके पास 2020 के चुनावों में थीं. साथ ही खास बात ये भी है कि अमेरिका में चुनाव रिजल्ट को प्रभावित करने और इसे कठिन बनाने के लिए नए कानून लागू किए गए हैं. ऐसे में किसी को बी ऐसा करने से पहले सोचना होगा.

ट्रंप की प्रतिक्रिया

ट्रंप ने सितंबर में मिशिगन रैली में कहा, "अगर मैं चुनाव हार गया तो आपको बताऊंगा कि क्या, यह संभव है. क्योंकि वे लोग धोखा देते हैं. इसी एकमात्र तरीके से हम हार सकते हैं. साल 2020 के चुनावों में हार के बाद ट्रंप की टीम ने 60 से ज्यादा मुकदमे दायर किए थे, लेकिन उनमें से कोई भी वोटों की गिनती में बदलाव या देरी करने में कामयाब नहीं हो  सका. 

डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थकों ने 2020 का राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद चुनाव रिजल्ट को पलटने के लिए काफी कोशिशें की थीं. उन्होंने प्रचार तकनीक के जरिए चुनावी धोखाधड़ी और धांधली के निराधार दावे भी किए थे.

नागरिक अशांति?

  • रिपब्लिकन समर्थकों पर 2021 में,  माइक पेंस को बाइडेन की जीत की पुष्टि करने से रोकने की कोशिश का आरोप यूएस कैपिटल में लगा था. 
  • ट्रंप का चुनाव में धांधली होने की बात कहना निश्चित रूप से नागरिक अशांति या असंतु ष्टि का कारण बन सकता है, जैसा कि 6 जनवरी, 2021 को हुआ था.
  • रॉयटर्स के मुताबिक, हिंसक समूहों और मिलिशिया पर नज़र रखने वाले एक्सपर्ट, पीपल फॉर द अमेरिकन वे के पीटर मोंटगोमरी का कहना है कि उनको इन समूहों की हिंसक प्रतिक्रिया के बारे में कम,  ज्यादा चिंता उनको चुनाव कार्यकर्ताओं के खिलाफ खतरों को लेकर है. मोंटगोमरी ने कहा कि मुकाबले वाले राज्यों की राजधानियों में भी हिंसक प्रदर्शन हो सकते हैं.
  • ट्रंप और उनके सहयोगी महीनों से  तैयारी में जुटे हैं कि 5 नवंबर को हारने पर क्या करना है. 5 नवंबर के चुनाव के बाद, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों को लगता है कि वोटों की गिनती लंबी चल सकती है.  अगर ट्रंप चुनाव हार गए तो वह गिनती में देरी को मुद्दा बना सकते हैं.
  • उन्होंने चुनाव कार्यकर्ताओं और पब्लिक वर्कर्स को जेल में डालने की धमकी दी है. हालांकि ऐसा करने के लिए उनको पहले चुनाव जीतना होगा.

रिपब्लिकन ने दायर किए 100 से ज्यादा मुकदमे

 चुनाव विवादों की संभावित आशंका को लेकर रिपब्लिकन ने100 से ज्यादा मुकदमे दायर किए हैं. ये मुकदमे चुनाव के बाद की चुनौतियों के लिए एक आधार स्थापित करने की कोशिश हैं. दोनों ही दल वोट और काउंटिंग पर कड़ी नजर रखने के लिए हजारों वॉलेंटियर्स को तैनात करने की तैयारी कर हे हैं. इन वॉलेंटियर्स को किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर रिपोर्ट करने का काम सौंपा जाएगा. हालांकि, कुछ वोटिंग राइट सपोर्टर्स चिंता जता रहे हैं कि चुनाव पर नजर रखने वाली इस प्रक्रिया को रिपब्लिकन बाधित कर सकते हैं.

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