- पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों की आपूर्ति में काफी वृद्धि की है
- चीन मई 2025 तक पाकिस्तान को 20 जे-10सी लड़ाकू विमान दे चुका है. 4 आधुनिक युद्धपोत भी सौंपे हैं
- रिपोर्ट की मानें तो चीन भविष्य में पाकिस्तान में सैन्य अड्डा स्थापित करने की संभावना पर विचार कर रहा है
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की ताजा रिपोर्ट में भारत, चीन और पाकिस्तान से जुड़े रक्षा मामलों पर ऐसे गंभीर दावे किए गए हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना भारत के लिए मुश्किल हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों की आपूर्ति में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है. इसके साथ ही चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव घटाने की पहल के जरिये अमेरिका और भारत के बीच बढ़ती रणनीतिक नजदीकी को सीमित करना चाहता है. साफ है कि सीमा पर तनाव घटाकर चीन रणनीतिक फायदा उठाने की कोशिश में है.
पाकिस्तान को दे रहा आधुनिक हथियार
पेंटागन की तरफ से अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी चीन ने इस्लामाबाद को आधुनिक हथियारों से लैस करने की रफ्तार कम नहीं की है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन भविष्य में पाकिस्तान में सैन्य अड्डा स्थापित करने की संभावना पर विचार कर रहा है. यदि ऐसा होता है तो यह भारत के लिए एक गंभीर रणनीतिक चुनौती साबित हो सकती है.
चीन मई 2025 तक पाकिस्तान को 20 जे-10सी लड़ाकू विमान सौंप चुका है. File Photo
मई तक 20 J-10C फाइटर विमान सौंपे
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन मई 2025 तक पाकिस्तान को 20 जे-10सी लड़ाकू विमान सौंप चुका था. ये विमान वर्ष 2020 में हुए दो रक्षा सौदों का हिस्सा हैं, जिनके तहत कुल 36 विमानों की आपूर्ति तय हुई थी. पेंटागन का कहना है कि चीन अब तक पाकिस्तान को सभी जे-10सी लड़ाकू विमान दे चुका है. पाकिस्तान जे-10सी लड़ाकू विमान का अब तक एकमात्र विदेशी खरीदार है. इसके अलावा चीन ने पाकिस्तान को चार आधुनिक युद्धपोत भी उपलब्ध कराए हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद अहम घटनाक्रम
यह चौंकाने वाली रिपोर्ट पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई सैन्य कार्रवाई के कुछ महीनों बाद सामने आई है. इस सैन्य कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों में भारी तनाव देखने को मिला था. मौजूदा हालात में भी दोनों देशों के रिश्ते टकराव की स्थिति में बने हुए हैं.
फाइटर जेट ही नहीं, हथियारबंद ड्रोन भी दिए
पेंटागन रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन ने पाकिस्तान को केवल लड़ाकू विमान ही नहीं, बल्कि कैहोंग और विंग लूंग जैसे हथियारबंद ड्रोन भी दिए हैं. इन निर्यातों के चलते चीन दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बन चुका है. आने वाले पांच वर्षों में चीन अपने नौसैनिक हथियारों के निर्यात का विस्तार करने की योजना बना रहा है. इसके साथ ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नौसेना और वायुसेना के समर्थन के लिए विदेशी सैन्य ठिकानों की संभावनाओं पर भी विचार कर रही है.
भारत से होड़ में पाकिस्तान खरीद रहा हथियार
भारत के साथ हथियारों के इसी अंतर को कम करने के लिए पाकिस्तान ने चीन से जे-10सी जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों की खरीद तेज की है. चीन फिलहाल तीन प्रमुख लड़ाकू विमानों का निर्यात करता है. इनमें पांचवीं पीढ़ी का एफसी-31, चौथी पीढ़ी का जे-10सी और चीन-पाकिस्तान द्वारा संयुक्त रूप से विकसित जेएफ-17 शामिल हैं.
LAC पर शांति के पीछे चीन की चाल?
पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन संभवतः एलएसी पर तनाव कम होने का फायदा उठाकर भारत से अपने संबंधों को स्थिर करने और साथ ही अमेरिका और भारत की बढ़ती नजदीकी को रोकने की कोशिश कर रहा है. भारत हालांकि चीन की नीयत और उसके कदमों को लेकर अब भी सतर्क और आशंकित है. आपसी अविश्वास और अन्य अनसुलझे मुद्दे दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ने से रोक रहे हैं.
हालांकि हालिया कुछ महीनों में भारत और चीन के संबंधों में कुछ सुधार के संकेत मिले हैं, लेकिन चीन जिस तरह पाकिस्तान को लगातार आधुनिक हथियारों की आपूर्ति कर रहा है, उससे भारत के मन में संदेह पैदा होना स्वाभाविक है, क्योंकि पाकिस्तान की रक्षा तैयारियां प्रत्यक्ष रूप से भारत को ध्यान में रखकर ही की जाती रही हैं.
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