- यूएस नेवी का फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर साउथ चाइना सी में टेक ऑफ के बाद क्रैश हो गए, सभी पांच सदस्य सुरक्षित हैं.
- हादसे के समय दोनों एयरक्राफ्ट रूटीन ऑपरेशंस पर थे, दुर्घटनाओं की जांच फिलहाल जारी है.
- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खराब ईंधन को दुर्घटनाओं की संभावित वजह बताया, साजिश की संभावना से इनकार किया.
अमेरिकी नौसेना को रविवार दोपहर सिर्फ 30 मिनट के अंदर दो बड़े झटके लगे हैं. अमेरिकी नौसेना का एक फाइटर जेट और एक हेलीकॉप्टर एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज से टेक ऑफ करने के कुछ ही मिनटों बाद साउथ चाइना सी में क्रैश हो गए. नौसेना की पैसिफिक फ्लीट की तरफ से यह जानकारी दी गई है. साउथ चाइना सी जो काफी विवादित क्षेत्र रहा है, वहां पर फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर क्रैश होना कई लोगों को थोड़ा अजीब भी लग रहा है. हालांकि बताया जा रहा है कि दोनों ही रूटीन ऑपरेशंस को अंजाम दे रहे थे जिस समय यह हादसा हुआ.
ट्रंप ने बताई असली वजह
MH-60R हॉक हेलीकॉप्टर पर तीन क्रू मेंबर्स सवार थे जबकि फाइटर जेट F/A-18F सुपर हॉर्नेट पर दो पायलट्स थे. जानकारी के अनुसार सभी सुरक्षित हैं. आधिकारिक बयान के अनुसार पांचों को सुरक्षित बचा लिया गया है और इनकी हालत स्थिर है. दोनों क्रैश दुर्घटनाओं की जांच फिलहाल जारी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एयर फोर्स वन पर टोक्यो की यात्रा के दौरान मीडिया से कहा कि इन घटनाओं की वजह 'खराब ईंधन' हो सकती है. उन्होंने किसी साजिश की संभावना से इनकार किया और कहा कि छिपाने लायक कुछ नहीं है.
अपने घर वापस जा रहा जहाज
यूएसएस निमित्ज इस समय अपने गृह बंदरगाह, वाशिंगटन के नेवल बेस किटसैप, लौट रहा है. यह जहाज गर्मियों में ज्यादातर समय मिडिल ईस्ट में तैनात रहा. यहां पर उसे यमन के हूती विद्रोहियों की ओर से कार्गो जहाजों पर हमलों के जवाब में भेजा गया था. यह इसकी डीकमीशनिंग (सेवा से हटाने) से पहले की अंतिम तैनाती है. इसी बीच, एक और एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन को हाल के महीनों में मिडिल ईस्ट में कई हादसों का सामना करना पड़ा. पिछले साल दिसंबर में, गाइडेड-मिसाइल क्रूजर यूएसएस गेटीसबर्ग ने गलती से ट्रूमैन से जुड़े एक एफ/ए-18 जेट को मार गिराया.
अमेरिका को चौथा झटका
60 मिलियन डॉलर वाले फाइटर जेट्स के बेड़े में F/A-18 चौथा ऐसा जेट है जो इस साल अमेरिकी नेवी ने खो दिए हैं. चीन और साउथ-ईस्ट एशिया के कुछ देश साउथ चाइना सी के कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं. जबकि चीन ने इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था. अब लगभग सभी स्ट्रेटेजिक वॉटरवे पर वह मालिकाना हक जताता है. पिछले दो दशकों में, चीन ने विवादित द्वीपों और रीफ पर मिलिट्री ठिकाने बनाकर अपने इलाके के दावों को मजबूत किया है. अमेरिका का कहना है कि चीन के दावे और मिलिट्री की बढ़ोतरी से पानी के रास्ते में नेविगेशन की आज़ादी और फ्री ट्रेड को खतरा है. चीन के संप्रभुता के दावों को पीछे धकेलने और वॉशिंगटन के साथियों और पार्टनर्स को सपोर्ट करने के लिए अमेरिकी सेना इस इलाके में लगातार मौजूद रहती है.













