फर्श पर सोना, बंधे हाथ कुत्तों जैसा खान… ट्रंप के ‘जेल’ में प्रवासियों की जानवरों सी हालत- रिपोर्ट

ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में अमेरिका के फ्लोरिडा में बने तीन डिटेंशन सेंटर की बात बताई गई है. इसके अनुसार यहां प्रवासी कंक्रीट के फर्श पर सोते हैं, अपने जूतों को तकिए के रूप में इस्तेमाल करते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
एक पूर्व बंदी ने कहा- तीनों डिटेंशन सेंटर में कैपेसिटी से अधिक लोग थे (प्रतीकात्मक तस्वीर)
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • HRW की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी हिरासत केंद्रों में अवैध प्रवासियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है.
  • प्रवासियों को बेड़ियों में बांधकर फोम प्लेट से कुत्ते की तरह मुंह से खाना पड़ता है.
  • फ्लोरिडा के हिरासत केंद्रों में प्रवासी फर्श पर सोते हैं, जरूरी दवाइयां जैसे अस्थमा इनहेलर नहीं दी जातीं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।

दोनों हाथ पीछे बंधे हुए, फोम के प्लेट में कुत्ते की तरह झुककर सीधे मुंह से खाने की मजबूरी, औरतें ऐसे टॉयलेट सीट इस्तेमाल करने को मजबूर जो मर्दों की नजरों के सामने हैं… यह किसी तानाशाह के जेल का मंजर नहीं, यह नजारा खुद को दुनिया में मानवाधिकार का सबसे बड़ा चैंपियन बताने वाले अमेरिका के उन हिरासत केंद्रों का है जहां अवैध प्रवासियों को रखा जाता है. सोमवार, 21 जुलाई को ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी हिरासत केंद्रों में रखे गए अप्रवासियों को अपमानजनक परिस्थिति और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है. रिपोर्ट में प्रवासियों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कार्रवाई  की तीखी आलोचना की गई है.

यह रिपोर्ट 92 पन्नों की है. इसमें हिरासत में लिए गए लोगों को अस्थमा इनहेलर जैसी जरूरी चिकित्सा सुविधा तक न देने, कैपेसिटी से कहीं ज्यादा कैदियों को रखना और "अमानवीय" सेल स्थितियों का आरोप लगाया गया है. यह रिपोर्ट उस समय आई है जब ट्रंप सरकार लाखों लोगों को देश के बाहर निकालने के वादे के साथ अपनी डिपोर्टेशन पॉलिसी को आगे बढ़ा रही है.

जानवरों जैसी स्थिति.. कथित अवैध प्रवासियों को कैसे रख रहे ट्रंप?

HRW में सहयोगी संकट और संघर्ष निदेशक बेल्किस विले ने एक बयान में कहा, "आव्रजन हिरासत में रखे गए लोगों के साथ इंसान से भी कमतर व्यवहार किया जा रहा है." रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रवासियों को उनके मूल देश भेजने से पहले बेड़ियों में जकड़े बंदियों को घुटनों के बल बैठना पड़ा और अपने हाथों को पीठ के पीछे रखकर स्टायरोफोम प्लेटों (फोम के प्लेट) से खाना खाना पड़ा. रिपोर्ट में एक व्यक्ति ने बताया, "हमें प्लेटों को कुर्सियों पर रखना पड़ता था और फिर झुककर कुत्तों की तरह मुंह से खाना पड़ता था."

रिपोर्ट में अमेरिका के फ्लोरिडा में बने तीन डिटेंशन सेंटर की बात बताई गई है. इसके अनुसार यहां प्रवासी कंक्रीट के फर्श पर सोते हैं, अपने जूतों को तकिए के रूप में इस्तेमाल करते हैं. एक व्यक्ति ने कहा कि उसे लगातार 20 दिनों तक हाथ धोने के लिए साबुन या पानी नहीं दिया गया. एक अन्य ने शिकायत की कि उसे इंसुलिन और अस्थमा इनहेलर समेत उनकी दवाएं लेने की अनुमति नहीं दी गई.

Advertisement

कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें खुली शौचालय वाली एक ऐसी कोठरी में रखा गया था, जो पास के कमरों में पुरुषों को दिखाई देती थी.

Advertisement

अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त ट्रंप

फ्लोरिडा में विशेष रूप से "एलीगेटर अल्काट्राज" नाम का एक नया हिरासत केंद्र बना है. यहां ट्रंप ने जुलाई में दौरा किया था, उन्होंने गर्व के साथ यहां कि कठोर परिस्थितियों के बारे में बताया था और मजाक में कहा था कि मगरमच्छ जैसे शिकारी रेप्टाइल गार्ड के रूप में काम करेंगे.

Advertisement

राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़े प्रवासी निर्वासन कार्यक्रम (अवैध प्रवासियों को वापस उनके मूल देश भेजने) का नेतृत्व करने की कसम खाई है. इस महीने ही अमेरिका के सांसदों ने आव्रजन हिरासत सुविधाओं (डिटेंशन सेंटर) के निर्माण में लगभग 45 बिलियन डॉलर लगाने के लिए वोट डाला है.

Advertisement

HRW रिपोर्ट के अनुसार, पिछले जून से अमेरिका में हर दिन हिरासत में लिए जाने वाले प्रवासियों की संख्या 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है. इसमें कहा गया है कि जून के मध्य तक पकड़े गए लगभग 72 प्रतिशत व्यक्तियों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था. विले ने एक बयान में कहा, "अमेरिकी सरकार ऐसे कई लोगों को हिरासत में ले रही है, जो बुनियादी मानवाधिकारों और गरिमा का उल्लंघन करने वाली स्थितियों में सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं हैं."

यह भी पढ़ें: ओबामा को कॉलर पकड़ गिराया, हथकड़ी लगाई…देखिए ट्रंप ने भी हद कर दी!

Featured Video Of The Day
Agra Conversion Case: ईसाई से मुस्लिम बना Abdul Rehman के धर्मांतरण का भंडाफोड़