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कोर्ट ने ट्रंप के नागरिकता आदेश पर रोक लगाई, अमेरिका में रह रहे भारतीयों को मिली बड़ी राहत

ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के कुछ घंटों बाद ही बर्थराइट सिटीजनशिप समाप्त करने वाले आदेश पर हस्ताक्षर किए थे.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
वाशिंगटन:

अमेरिका में वीजा पर रह रहे और ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीय छात्रों और पेशेवरों को बड़ी राहत मिली है. सिएटल के एक फेडरेल जज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के उस कार्यकारी आदेश पर अनिश्चित काल के लिए रोक लगा दी है, जो कि बर्थराइट सिटीजनशिप को खत्म करता है. इस आदेश की आलोचना करते हुए, कोर्ट ने कथित तौर पर कहा कि ट्रंप संविधान के साथ "नीतिगत खेल" खेलने के लिए कानून के शासन को दरकिनार करने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज जॉन कफनौर का ये आदेश ट्रंप के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. इससे पहले मैरीलैंड में एक फेडरेल जज ने भी इसी तरह का फैसला सुनाया था.

सुनवाई के दौरान जज ने क्या कुछ कहा

सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिएटल में गुरुवार को एक सुनवाई के दौरान जज कफनौर ने कहा, "यह और भी साफ हो गया है कि हमारे राष्ट्रपति के लिए, कानून का शासन उनके नीतिगत लक्ष्यों के लिए एक बाधा मात्र है. उनके अनुसार, कानून का शासन कुछ ऐसा है जिसे दरकिनार किया जा सकता है या बस अनदेखा किया जा सकता है, चाहे वह राजनीतिक या व्यक्तिगत लाभ के लिए हो." जज ने कहा कि संविधान ऐसी चीज़ नहीं है जिसके साथ सरकार नीतिगत खेल खेल सके. उन्होंने जोर देकर कहा, "यदि सरकार बर्थराइट सिटीजनशिप को बदलना चाहती है, तो उसे संविधान में ही संशोधन करने की आवश्यकता है." अमेरिकन जस्टिस डिपार्टमेंट ने गुरुवार देर रात कहा कि वह सिएटल कोर्ट के आदेश के विरुद्ध अपील कर रहा है. 

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ट्रंप के आदेश का अमेरिका में भारतीयों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? 

20 जनवरी को दूसरी बार कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, ट्रंप ने अमेरिका में बर्थराइट सिटीजनशिप को समाप्त करने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए. यह आदेश अमेरिकी धरती पर जन्मे उन बच्चों को अमेरिकी नागरिकता देने से इनकार करता है, जिनके माता-पिता संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थायी निवासी नहीं हैं. इस आदेश ने अमेरिका में भारतीय समुदाय के बीच चिंता पैदा कर दी, खासकर एच-1बी (कार्य वीजा), एल (इंट्रा-कंपनी ट्रांसफर), एच-4 (आश्रित वीजा) और एफ (छात्र वीजा) जैसे अस्थायी वीजा पर रहने वाले लोगों में.

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ट्रंप के आदेश के अनुसार, अस्थायी वीजा पर रह रहे माता-पिता से पैदा हुए बच्चों को नागरिकता नहीं मिलेगी, जब तक कि उनमें से एक माता-पिता अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड होल्डर न हो. ट्रंप ने जैसे ही ये आदेश दिया वैसे ही अमेरिका में रह रहे भारतीय लोगों ने अस्पताल जाकर बच्चे का जन्म पहले कराने की कोशिश की. ट्रंप के आदेश से ग्रीन कार्ड के लंबित मामलों में फंसे आप्रवासियों के लिए भी चिंता पैदा हो गई है, क्योंकि अमेरिका के बाहर पैदा हुए बच्चों को 21 वर्ष की आयु होने पर वापस लौटने के लिए मजबूर किया जा सकता है, जब तक कि वे दूसरा वीजा हासिल नहीं कर लेते.

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