अमेरिकी एंकर से "Hijab पहनने की ज़िद" के चलते रद्द हो गया Iran के राष्ट्रपति का इंटरव्यू

अमेरिका की वरिष्ठ पत्रकार क्रिश्चय अमनपोर (Christiane Amanpour) ने कहा कि वो संयुक्त राष्ट्र की महासभा (UNGA) से इतर बुधवार को ईरान (Iran) के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी (Iranian President Ebrahim Raisi ) इंटरव्यू के लिए तैयार थीं जब राष्ट्रपति के एक सहायक ने जोर डाला कि वो अपने बाल ढ़कें.  

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अमेरिकी एंकर ने हिजाब पहनने से किया मना, कहा- पहले कभी ऐसी मांग नहीं हुई

वरिष्ठ पत्रकार क्रिश्चय अमनपोर (Christiane Amanpour) ने गुरुवार को कहा कि ईरान (Iran) के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी (Iranian President Ebrahim Raisi ) के साथ इंटरव्यू रद्द कर दिया गया क्योंकि उनसे हिजाब (Hijab) पहनने की ज़िद की जा रही थी. हिजाब को लेकर ईरान में इन दिनों बड़ा बवाल हो रहा है. अमनपोर सीएनएन में अंतरराष्ट्रीय मामलों के लिए वरिष्ठ एंकर हैं जिनका अमेरिका के सरकारी ब्रॉडकास्टर पीबीएस पर भी एक शो आता है. उन्होंने कहा कि वो संयुक्त राष्ट्र की महासभा से इतर बुधवार को इंटरव्यू के लिए तैयार थीं जब ईरान के राष्ट्रपति के एक सहायक ने उन पर जोर डाला कि वो अपने बाल ढ़कें.   

अमनपोर ने ट्विटर पर कहा, "मैंने विनम्रता से मना कर दिया. हम न्यूयॉर्क में हैं, जहां हिजाब को लेकर ऐसा कोई कानून या नियम नहीं है" अमनपोर ब्रिटेन में पैदा हुई थीं और उनके पिता एक ईरानी थे. 

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साथ ही उन्होंने कहा, " मैंने इस बात का भी ज़िक्र किया कि किसी भी पूर्व ईरानी राष्ट्रपति ने इंटरव्यू के दौरान उनसे हिजाब पहनने की मांग नहीं रही, जब मैंनें ईरान से बाहर उनका इंटरव्यू लिया." 

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वह कहती हैं, "मैंने कहा कि मैं इस अभूतपूर्व और अनपेक्षित हालत को मान नहीं सकती."

उन्होंने अपनी बिना सिर ढ़ंके  एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वो उस खाली कुर्सी के सामने बैठी हैं जहां रायसी बैठते.  

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उन्होंने बताया कि रायसी के सहायक एक कट्टवादी इस्लामी धर्मगुरू ने बताया कि वो सिर ढ़ंकने के लिए "ईरान की हालत के मद्देनज़र" ज़ोर डाल रहे हैं. 

ईरान में 22 वर्षीय महिला महसा अमीनी (Mahsa Amini) की हिजाब के चलते हिरासत में हुई मौत के बाद ईरान में हिजाब विवाद ने तूल पकड़ लिया है. ईरान में हिजाब की पाबंदी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने हिंसक कार्रवाई की है.

एक गैरसरकारी संगठन का कहना है कि इस मामले में ईरानी सुरक्षाबलों हाथों कम से कम 31 नागरिक मारे गए हैं.  यह विरोध प्रदर्शन महसा अमीनी के हिरासत में हुई मौत के बाद भड़के थे.अमीनी को हिजाब न पहनने पर नैतिक पुलिस (Iran Morality Police) ने हिरासत में लिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई.

अमीनी की मौत के बाद से महिलाएं भड़की हुई हैं. यहां तक कि अपना विरोध दर्ज कराने के लिए महिलाएं हिजाब को जला रही हैं और कुछ महिलाएं तो अपने लंबे बाल भी काट रही हैं.

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