अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने बुधवार को कहा कि उनका प्रतिनिधिमंडल 'क्षेत्र की शांति" के लिए ताइवान आया है. पेलोसी की इस यात्रा से चीन नाराज दिख रहा है और इसके बाद से राजनयिक हलचल देखने को मिल रही है. चीन की लगातार चेतावनी के बावजूद पेलोसी मंगलवार देर रात ताइवान में उतरी. ताइवान को अपना क्षेत्र मानने वाले चीन ने कहा था कि अगर पेलोसी ताइवान की यात्रा करती हैं तो वह उसे उकसावे के तौर पर लेगा. बता दें, चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और कहता है कि वह उसे अपने में मिलाएगा.
पेलोसी मंगलवार रात ताइपे पहुंची. वह ताइवान की यात्रा करने वाली पिछले 25 वर्षों में सबसे उच्च स्तर की अमेरिकी अधिकारी हैं.
ताइवान की संसद के डिप्टी स्पीकर Tsai Chi-chang के साथ एक बैठक के दौरान पेलोसी ने कहा, 'हम ताइवान से दोस्ती के लिए आए हैं, इस क्षेत्र में शांति के लिए आए हैं.'
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हालांकि, पेलोसी की यात्रा से चीन खासा नाराज दिख रहा है. अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स को मंगलवार देर रात चीनी विदेश मंत्रालय ने तलब किया और चेतावनी दी कि वाशिंगटन इसकी "कीमत चुकाएगा". सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीन के उप विदेश मंत्री शी फेंग के हवाले से कहा, 'यह कदम बेहद गंभीर प्रकृति का है और इसके परिणाम बेहद गंभीर हैं. चीन आराम से नहीं बैठेगा.'
वहीं, चीनी सेना ने कहा कि वह "हाई अलर्ट" पर है और यात्रा के जवाब में "सैन्य कार्रवाई' करेगी'.
राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान के हवाला से सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स' ने बताया कि चीनी सेना 'ताइवान द्वीप पर पेलोसी की यात्रा का मुकाबला करने के लिए लक्षित सैन्य अभियानों की एक श्रृंखला शुरू करेगी, और राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करेगी.'
अमेरिका-चीन में तनातनी के बीच US हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी पहुंची ताइवान
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की पूर्वी थिएटर कमान ताइवान द्वीप के आसपास संयुक्त सैन्य अभियानों की एक श्रृंखला शुरू करेगी जिसका आगाज़ मंगलवार रात से ही हो रहा है.
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