डोनाल्ड ट्रंप ने कतर को NATO वाली सिक्योरिटी देकर क्या मैसेज दिया है?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अमेरिका किसी भी देश द्वारा कतर पर हमले को खुद पर हमला मानेगा और उसकी सैन्य रक्षा करेगा.

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
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  • डोनाल्ड ट्रंप ने कतर को अमेरिका की सैन्य सुरक्षा की गारंटी दी है, कतर पर हमला अमेरिका पर हमला माना जाएगा
  • इजरायल ने सितंबर में राजधानी दोहा में हमास के नेताओं को निशाना बनाकर हमला किया था, जिसमें 1 अधिकारी की मौत हुई
  • कतर में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डा अल उदीद और कतर का अमेरिका में बड़े निवेश से दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हैं
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कतर पर इजरायल के हमले के बाद खाड़ी देश और अमेरिका के रिश्तों में दरार आने की आशंका थी, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस स्थिति को संभालते हुए एक ऐतिहासिक सैन्य सुरक्षा की गारंटी दी है. व्हाइट हाउस ने बुधवार (स्थानीय समय) को जानकारी दी कि ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अमेरिका किसी भी देश द्वारा कतर पर हमले को खुद पर हमला मानेगा और उसकी सैन्य रक्षा करेगा.

यह आदेश सोमवार को ही साइन किया गया था, जब इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ट्रंप से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचे थे. इसी दौरान ट्रंप ने एक गाजा शांति योजना भी पेश की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उसे कतर सहित कई अरब और मुस्लिम देशों का समर्थन है. इस गारंटी ने इजरायल को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि कतर की जमीन अब हमलों के लिए 'नो गो जोन' है.

यह सुरक्षा आश्वासन नाटो संधि की याद दिलाता है, जिसमें एक सदस्य पर हमला पूरे संगठन पर हमला माना जाता है. हालांकि ट्रंप की यह गारंटी कोई संधि नहीं है, इसलिए इसके लिए अमेरिकी सीनेट की मंजूरी नहीं चाहिए. गौरतलब है कि कतर अमेरिका का अहम लेकिन कभी-कभी जिद्दी सहयोगी रहा है. अमेरिका का एक बड़ा सैन्य अड्डा अल उदीद कतर में ही स्थित है.

पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने 2022 में कतर को 'प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी' का दर्जा भी दिया था. 

इजरायल ने अचानक किया था हमला

9 सितंबर को इजरायल ने दोहा में एक इमारत पर हमला कर दिया, जिसमें कतर की आंतरिक सुरक्षा का एक अधिकारी मारा गया. इजरायल का कहना है कि हमला हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाकर किया गया था, लेकिन वे बच निकले. यह हमला तब हुआ, जब कतर अमेरिका की मदद से गाजा शांति वार्ता की मेजबानी कर रहा था. अमेरिका ने बताया कि इजरायल ने उसे हमले से कुछ ही मिनट पहले सूचना दी, जो दोहा तक समय से नहीं पहुंच पाई.

कतर अक्सर क्षेत्रीय कूटनीति का केंद्र रहा है. यहीं से तालिबान और दूसरे विरोधी गुटों की बातचीत होती रही है. अब ट्रंप की गारंटी कतर को अन्य देशों के हमलों से भी सुरक्षा देगी। जून में ईरान ने अमेरिकी एयरबेस अल उदीद पर हमला किया था, जो अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमलों का जवाब था.

ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने भी कतर में हमास नेताओं से मुलाकात की है, ताकि गाजा संकट का हल निकाला जा सके. कहा जा रहा है कि इजरायल का हमला शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश हो सकती है, ताकि गाजा पर कब्जे और वहां यहूदी बस्तियों की योजना को अमलीजामा पहनाया जा सके. ट्रंप ने नेतन्याहू और कतर के अमीर शेख अल थानी के बीच फोन पर बातचीत कराई, जिसमें नेतन्याहू ने कतर की संप्रभुता के उल्लंघन पर खेद जताया और आगे ऐसा न करने का भरोसा दिलाया. कतर ने ट्रंप के साथ करीबी रिश्तों के संकेत भी दिए हैं.

मई में कतर ने ट्रंप को एक बोइंग 747 विमान उपहार में दिया और अगले 10 वर्षों में अमेरिका में 500 अरब डॉलर के निवेश का वादा भी किया है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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