US ने खालिस्तानी आतंकी की हत्या की कथित साजिश रचने के आरोप में भारतीय युवक के खिलाफ दर्ज किया केस

अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस ने बुधवार को भारत सरकार के एक कर्मचारी पर पन्नू की हत्या की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया. इन आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह अमेरिका से मिले इनपुट की जांच कर रहा है.

Advertisement
Read Time: 12 mins
नई दिल्ली:

अमेरिका ने खालिस्तानी नेता और सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश को लेकर नया दावा किया है. अमेरिकी न्याय विभाग ने एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका में रह रहे सिख अलगाववादी की हत्या की नाकाम साजिश भारत से रची गई थी. अमेरिकी-कनाडाई नागरिक और सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) कथित तौर पर इस साजिश का निशाना थे.

अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस ने भारत सरकार के एक कर्मचारी पर पन्नू की हत्या की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया. अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस ने बुधवार को बयान जारी कर बताया कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ "पैसे के बदले हत्या" और पैसे के बदले हत्या की साजिश का आरोप दर्ज किया गया है. दोषी पाए जाने पर भारतीय नागरिक को अधिकतम 20 साल की सजा हो सकती है. इन आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह अमेरिका से मिले इनपुट की जांच कर रहा है.

विदेश मंत्रालय ने इस पूरे मामले पर बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम पहले ही कह चुके हैं कि द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका के साथ चर्चा के दौरान अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों, आतंकवादियों और अन्य के बीच साठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट शेयर किए थे. हमने यह भी संकेत दिया था कि भारत ऐसे इनपुट को गंभीरता से लेता है. वे हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर भी आघात करते हैं. संबंधित विभाग पहले से ही इस मुद्दे की जांच कर रहे थे."

मंत्रालय ने कहा, "इस संदर्भ में यह सूचित किया जाता है कि 18 नवंबर को भारत सरकार ने मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं को देखने के लिए एक हाई लेवल जांच कमेटी बना दी थी. भारत सरकार कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर जरूरी कार्रवाई करेगी."

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 20 नवंबर को गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था. एनआईए ने उनपर लोगों को एअर इंडिया से उड़ान भरने वाले लोगों को दहशत में डालने वाले सोशल मीडिया मैसेज जारी करने का आरोप लगाया था. एनआईए के मुताबिक पन्नू ने मैसेज किया था कि एअर इंडिया से उड़ान भरने वाले लोग खतरे में हैं. उन्होंने यह भी दावा किया था कि 19 नवंबर को एअर इंडिया को ऑपरेशन की परमिशन नहीं दी जाएगी.

पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस ने कहा था कि वह अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी को मारने की कथित साजिश को बेहद गंभीरता से ले रहा है. व्हाइट हाउस ने यह भी कहा था कि इस मुद्दे को भारत सरकार के साथ सबसे वरिष्ठ स्तर पर उठाया गया है.

अमेरिका से पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी ऐसे आरोप लगा चुके हैं. ट्रूडो ने कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता का संगीन आरोप लगाया था. हालांकि, भारत सरकार ने कनाडा के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया था. भारत सरकार के कनाडा के साथ राजनयिक विवाद के दो महीने बाद अब अमेरिकी न्याय विभाग का बयान आया है.

हरदीप सिंह निज्जर प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था. वह भारत के सर्वाधिक वॉन्टेड आतंकवादियों में शामिल था. इस साल जून में उसकी हत्या कर दी गई थी.

Advertisement

भारत ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था. भारत सरकार ने कनाडा को सबूत शेयर करने को कहा था. हालांकि, कनाडा ने अब तक कोई सबूत नहीं दिए हैं.

Featured Video Of The Day
Bastar: जहां भगवान भी अदालत के कटघरे में खड़े होते हैं | Chhattisgarh | NDTV India