लाल सागर में US ने हूती विद्रोहियों की 3 बोट की तबाह, 10 विद्रोही मारे गए

इन हमलों के कारण वैश्विक व्यापार के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जानेवाले लाल सागर मार्ग पर खतरा बढ़ने लगा है. लगातार हमलों के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका ने लाल सागर में सुरक्षा कड़ी कर दी है.  

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अमेरिका ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों पर कार्रवाई करते हुए उसके तीन जहाज को डुबो दिया. इस हमले में 10 विद्रोही मारे गए हैं. लाल सागर और अरब सागर पर व्यापारी जहाज पर हूती विद्रोहियों द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं.  सिंगापुर के ध्वज वाले मार्सक हांग्जो (Singapore-flagged Maersk Hangzhou) पर हूती विद्रोहियों ने चढ़ने का प्रयास किया. इस हमले के जवाब में रविवार को अमेरिका के हेलीकॉप्टर ने हूती विद्रोहियों को निशाना बनाते हुए उनके जहाजों को मिसाइलों को तबाह कर दिया.

मार्सक और यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) ने कहा कि ये नौसैनिक युद्ध रविवार को तब हुआ, जब हमलावरों ने सिंगापुर के झंडे वाले मार्सक हांग्जो पर चढ़ने की कोशिश की. सेंटकॉम ने कहा कि यूएसएस आइजनहावर और यूएसएस ग्रेवली के हेलीकॉप्टर एक कॉल मिलने के बाद हमलावरों को खदेड़ने के लिए जहाज की सुरक्षा टीम में शामिल हो गए.

रॉयटर्स के अनुसार, हूती विद्रोहियों के एक प्रवक्ता ने कहा कि लाल सागर में अमेरिकी सेना द्वारा उनकी नौकाओं पर हमला किए जाने के बाद 10 हूती नौसैनिकों की मौत हो गई है.

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वहीं इस हमले के बाद दुनिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनियों में से एक Maersk का बयान आया है. जिसमें कहा गया है कि 48 घंटों के लिए लाल सागर के माध्यम से सभी जहाजों को जाने से रोक दिया है.

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गौरतलब है कि हूतियों ने लाल सागर शिपिंग लेन में जहाजों को बार-बार हमलों से निशाना बनाया है, उनका कहना है कि वे गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में हैं, जहां इज़राइल हमास समूह से लड़ रहा है. इन हमलों के कारण वैश्विक व्यापार के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले इस मार्ग पर खतरा बढ़ने लगा है. लगातार हमलों के कारण  संयुक्त राज्य अमेरिका ने लाल सागर में सुरक्षा कड़ी कर दी है.  

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कौन हैं हूती विद्रोही?

लाल सागर में जहाजों पर हमले को लेकर एक बार फिर चर्चा में आए हूती विद्रोही  यन के अल्पसंख्यक शिया ‘ज़ैदी' समुदाय का एक ग्रुप है. 1990 के दशक में उस समय के राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इसका गठन किया गया था. इस संगठन का नाम उसके संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर रखा गया था. हूती विद्रोही लंबे समय से अमेरिका के विरोधी रहे हैं.  अमेरिका ने जब इराक पर हमला किया था उस समय भी हूती विद्रोहियो ने अमेरिका के खात्मे की बात कही थी. माना जाता है कि इस संगठन को ईरान का साथ मिलता रहा है. 

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